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केंद्र सरकार की दो योजनाओं पर संसदीय समिति ने उठाए सवाल

संसद की एक स्थायी समिति ने मोदी सरकार की दो योजनाओं पर सवाल उठाए हैं. इसके मुताबिक एक देश, एक कार्ड और सस्ता किराया मकान परिसर को लेकर उम्मीद के अनुरूप प्रगति नहीं हुई है. इसकी अंतिम रिपोर्ट अगले महीने के पहले सप्ताह में दी जा सकती है.

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Published : Aug 18, 2020, 10:23 AM IST

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संसदीय समिति ने मोदी सरकार की दो योजनाओं पर उठाए सवाल

नई दिल्ली :संसद की एक स्थायी समिति प्रवासी मजदूरों और असंगठित क्षेत्र में काम करने वालों के लिए खाद्यान्न उपलब्ध कराने और किराए पर मकान देने की दो योजनाओं में हुई प्रगति से बहुत संतुष्ट नहीं है. समिति इस बारे में अपनी सिफारिशें अगले महीने के पहले सप्ताह में दे सकती है.

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय, खाद्यान्न और जन वितरण विभाग तथा आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के अधिकारियों ने सोमवार को समिति को अंतर-राज्यीय प्रवासी मजदूरों और असंगठित क्षेत्रों में काम करने वाले कामगारों के लिए सामाजिक सुरक्षा और कल्याणकारी उपायों के बारे में जानकारी दी.

श्रम मामलों की संसद की समिति के एक सदस्य ने कहा कि दो योजनाएं...एक देश, एक राशन कार्ड और सस्ता किराया मकान परिसर (एआरएचसी) में उम्मीद के अनुरूप तेजी नहीं है. हम इस बारे में अपनी सिफारिशें और टिप्पणियां तैयार कर रहे हैं. अंतिम रिपोर्ट अगले महीने के पहले सप्ताह में दी जा सकती है.

एआरएचसी के तहत सरकार ने दो मॉडल पेश किए हैं. पहला, केंद्र और राज्यों द्वारा (सार्वजनिक-निजी भागीदारी में) निर्मित खाली पड़े मकानों को किराये पर देना और दूसरा, प्रवासी मजदूरों और संगठित क्षेत्र में काम करने वालों को किराये पर देने के लिये निजी तथा सार्वजनिक क्षेत्र को खाली पड़े जमीन पर मकान बनाने के लिये प्रोत्साहित करना.

सदस्य ने कहा कि एआरएचसी योजना के तहत दोनों मॉडल पर अभी कोई खासा प्रगति नहीं हुई है. पंजाब एकमात्र राज्य है जिसने इस संदर्भ में ज्ञापन लाया है.

प्रवासी मजदूरों को खाद्यान्न उपलब्ध कराने की पहल के बारे में सदस्य ने कहा कि इस साल जुलाई में एक देश, एक राशन कार्ड के तहत करीब 2,000 राशन कार्डधारकों ने लाभ उठाया है. देश में 81 करोड़ राशन कार्डधारक हैं.

सदस्य के अनुसार कई तकनीकी मुद्दे हैं जो एक देश, एक राशन कार्ड योजना को प्रभावित कर रहे हैं और समिति अगले महीने पेश की जाने वाली रिपोर्ट में इस संदर्भ में अपनी सिफारिशें देगी.

सदस्य के अनुसार अधिकारियों ने सोमवार को कहा कि एक देश, एक राशन कार्ड के अंतर्गत अबतक 24 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश शामिल हुए हैं. छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, असम और पश्चिम बंगाल इसके दायरे से अभी बाहर हैं.

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