दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

पद्मश्री से सम्मानित होंगे अंतरराष्ट्रीय पैरा एथलीट वेंकटेश मुडी - वेंकटेश

पैरा एथलीट के.वाई वेंकटेश ने खेल में बहुत सारी उपलब्धियां हासिल की हैं और कई पुरस्कार और पदक जीते हैं. उनकी उपलब्धियों को देखते हुए सरकार ने उन्हें इस बार पद्मश्री पुरस्कार के लिए चुना है.

पैरा एथलीट वेंकटेश मुडी
पैरा एथलीट वेंकटेश मुडी

By

Published : Feb 3, 2021, 2:20 PM IST

बेंगलुरु : कर्नाटक के पैरा-एथलीट केवाई वेंकटेश को खेल और इसके विकास में योगदान के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया गया. 1994 में केवाई वेंकटेश ने जर्मनी स्टेडियम में अंतरराष्ट्रीय पैरालंपिक समिति की विश्व चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व किया, जिसमें राष्ट्रीय हॉकी टीम ने स्वर्ण पदक जीता था.

हालांकि, वेंकटेश बौने हैं, उन्होंने पैरा खेल में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है. उनकी लंबाई मात्र चार फूट है और दिव्यांग व्यक्ति के रूप में खेल में एक विशेष पहचान बना चुके हैं.

वह कहते है कि मुझे हमेशा बैडमिंटन, वॉलीबॉल, थ्रोबॉल आदि में दिलचस्पी थी और फिर मुझे सीएन जानकी के बारे में पता चला, वो वह व्यक्ति है, जिसने मुझे जानकी का सपना देखने के लिए प्रेरित किया, जब वह दो साल की थी तो पोलियो से पीड़ित हो गई थी और 1992 में उन्होंने अंग्रेजी चैनल पर तैरकर पहली दिव्यांग व्यक्ति होने का रिकॉर्ड बनाया.

वेंकटेश के पिता एक आयुर्वेदिक चिकित्सक और माता गृहिणी थीं. वेंकटेश छह बच्चों में सबसे छोटे हैं. उनका कहना है कि उनका परिवार हमेशा उनके पीछे मजबूती से खड़ा रहा है.

चुनौतियों के बावजूद, वेंकटेश ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और बैडमिंटन, शॉट पुट, भाला फेंक, डिस्कस थ्रो और अन्य एथलेटिक्स में भारत के लिए पदक जीता. तब से, पैरा-बैडमिंटन एथलीटों ने उनके नक्शेकदम पर चलते हुए भारत के लिए कई पुरस्कार जीते.

1999 में ऑस्ट्रेलिया में शॉट पुट में वेंकटेश ने देश के लिए अपना पहला स्वर्ण जीता. 2005 में, उन्होंने विश्व रिकॉर्ड बनाया जब उन्होंने 4 वें विश्व बौने खेलों में विभिन्न खेलों में छह पदक हासिल किए. उन्होंने ट्रैक एंड फील्ड इवेंट्स में राष्ट्र का प्रतिनिधित्व किया है और साथ ही अन्य खेलों में भी जीत दर्ज की है.

उन्होंने एलजी विश्व कप 2002 में बैडमिंटन के लिए एक रजत पदक और साथ ही शॉट पुट, डिस्कस थ्रो और भाला फेंक में तीन स्वर्ण और ओपन ट्रैक एंड फील्ड चैम्पियनशिप 2004 में रजत पदक जीता. उसी वर्ष, उन्होंने एक स्वर्ण भी जीता. स्वीडिश ओपन ट्रैक एंड फील्ड चैम्पियनशिप में दो रजत और एक कांस्य पदक भी जीता. उन्होंने हॉकी प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक, फुटबॉल और बास्केटबॉल स्पर्धाओं में रजत पदक और यूरोपीय ओपन चैंपियनशिप 2006 के बैडमिंटन स्पर्धा में कांस्य पदक जीता.

भले ही उन्होंने अब पेशेवर खेलों की दुनिया से संन्यास ले लिया है, लेकिन वे अभी भी कर्नाटक पैरा-बैडमिंटन एसोसिएशन के सचिव बने हुए हैं, जो हर साल बेंगलुरु में राष्ट्रीय टूर्नामेंट आयोजित करते हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details