हैदराबाद : तेलंगाना का फिंगरप्रिंट ब्यूरो आपराधिक मामलों की जांच के लिए अब 'पैपिलॉन' का उपयोग कर रहा है. इससे अपराधों की जांच, अपराधियों की पहचान, लावारिस शवों की पहचान, नए पासपोर्ट जारी करने के लिए की जाने वाली जांच आदि में पुलिस विभाग के लिए यह बहुत उपयोगी साबित होने वाली है.
इस तकनीक से क्षत विक्षत शवों की भी पहचान की जा सकती है. पिछले साल इस तकनीक से 41 शवों की पहचान की गई थी और अब तक 17 शवों की पहचान की जा चुकी है.
पहले पासपोर्ट जारी करने संबंधी जांच में गंभीर निगरानी नहीं होती थी, जो कि पासपोर्ट जारी करने में महत्वपूर्ण होती है. आवेदक द्वारा दिए गए पते के आधार पर, उस स्थान पर उसके व्यवहार की जांच की जाती है. यदि उसका व्यवहार वहां पर सही पाया जाता है तो उसे क्लीन चिट दे दी जाती है. इस तकनीक के आने से स्थिति बदल जाएगी.