शिमलाः ब्यास नदी में आए बाढ़ ने हिमाचल प्रदेश के मंडी शहर को तहस-नहस करके रख दिया है. शहर में बने सबसे प्रचीन पंचवक्त्र मंदिर को भी डुबो दिया था. मंडी शहर में ब्यास नदी के तट पर बना यह प्राचीन मंदिर जलप्रलय के बाद भी पूरी तरह से सुरक्षित है.
मंदिर के बाहर लगी चारदीवारी को जरूर नुकसान पहुंचा है लेकिन मंदिर सुरिक्षत है. मंदिर का 30 प्रतिशत से अधिक भाग भीषण जलप्रलय में डूब गया था. ब्यास नदी का जलस्तर घटा तो मंदिर परिसर सिल्ट से भरा हुआ नजर आया. लेकिन मंदिर का भवन पूरी तरह से सुरक्षित है.
बता दें कि यह मंदिर सदियों पुराना है और इसे मंडी के राजा ने बनवाया था. मंदिर में भगवान शिव के पंचवक्त्र रूप की पूजा की जाती है. इस मंदिर को भारतीय पुरातत्व विभाग ने अपने अधीन ले रखा है.
वहीं मंडी जिला में मौसम के मिजाज की बात करें तो जिला में ब्यास नदी का जलस्तर तो घट गया है लेकिन मौसम का खतरा अभी भी बरकरार है. बीते दो दिनों में हुई भारी बारिश के कारण और पंडोह डैम के गेट खोले जाने के कारण ब्यास नदी के जलस्तर में भारी इजाफा हो गया था.
ब्यास नदी के जलप्रलय में भी सुरक्षित है पंचवक्त्र महादेव मंदिर मौसम विभाग ने सोमवार को भी जिला में भारी बारिश का अलर्ट जारी कर रखा है. वहीं, 21 अगस्त तक इसी प्रकार की बारिश की संभावना जताई गई है. जिले से होकर गुजरने वाले नेशनल हाईवे की बात करें तो चंडीगढ़ मनाली को छोड़कर बाकी सभी हाईवे सामान्य है.
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बता दें कि दवाड़ा के पास एनएच क्षतिग्रस्त हुआ है और इसकी बहाली में काफी समय लग सकता है. डीसी मंडी ऋग्वेद ठाकुर ने बताया कि जिला में अलर्ट जारी किया गया है और ऐसे में लोगों को ऐतिहात बरतने की जरूरत है. उन्होंने आपदा के समय प्रशासन द्वारा दिए गए नंबरों पर संपर्क करने का आह्वान किया है.