हैदराबाद : जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को भारत सरकार ने हटा दिया है, जिसके बाद पाकिस्तान भारत के इस फैसले को बदलवाने के कई प्रयास कर चुका है. भारत के इस फैसले को बदलवाने और अलग-थलग करने में पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय समुदायों का समर्थन लेने में भी बुरी तरह असफल रहा है.
पाकिस्तान भारत के अनुच्छेद 370 हटाए जाने के निर्णय को नहीं बदल पाया. आइए जानते हैं कि कैसे विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान विफल रहा.
OIC का समर्थन पाने में पाकिस्तान नाकाम
पाकिस्तान को उम्मीद थी कि इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) और खाड़ी देश पाकिस्तान का समर्थन करने के लिए कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होंगे, लेकिन कोई भी देश पाकिस्तान का समर्थन करने के लिए आगे नहीं आया. वहीं यूएई और बहरीन ने पाकिस्तान के घावों पर नमक छिड़ने का काम किया. यूएई ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'ऑर्डर ऑफ जायद' से सम्मानित किया और बहरीन में द किंग हमाद ऑर्डर ऑफ द रेनेसां पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
संयुक्त राष्ट्र
'ऑल वेदर फ्रेंड चाइना' की मदद से पाकिस्तान ने अनुच्छेद 370 हटाए जाने के भारत के फैसले की निंदा की और भारत के फैसले को बदलवाने के तमाम प्रयास किए लेकिन विफल रहा.
अगस्त 2019
अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के भारत के फैसले के बाद, पाकिस्तान को तसल्ली देने और पाक सरकार का साथ देने चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक अनौपचारिक बैठक की, लेकिन विफल रहा. सदस्यीय राज्यों का कहना था कि भारत का यह कदम आंतरिक मुद्दा है.
संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 74 वें सत्र में हंगामा
यूएनजीए के 74 वें सत्र में भारत और पाकिस्तान दोनों एक-दूसरे के सामने खड़े थे. दोनों प्रधानमंत्रियों ने सदस्यीय देशों को संबोधित किया. विकास, जलवायु परिवर्तन और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई पर ध्यान केंद्रित करते हुए प्रधानमंत्रियों ने अपनी बात रखी. इस सत्र से पाकिस्तान की उम्मीदें बहुत अधिक थीं.
इमरान खान द्वारा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की राजधानी मुजफ्फराबाद में हुई एक सभा में, उनकी उम्मीदों का अनुमान लगाया जा सकता है. उन्होंने पीओके के लोगों से नियंत्रण रेखा की ओर आगे नहीं बढ़ने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि 'जब तक मैं आपसे नहीं कहता तब तक मत जाइए. पहले मुझे यूएन से सामने कश्मीर के मुद्दे को सुलझाने दीजिए. मैं आप लोगों को निराश नहीं करूंगा.'