चित्रदुर्ग :कर्नाटक के चित्रदुर्ग जिले में आवारा कुत्ते भोजन की तलाश में भटकते रहते थे. चित्रदुर्ग के विश्वेश्वरैया पार्क की में रहने वाली एक महिला पद्मावती का ध्यान उनकी तरफ गया. इसके बाद महिला ने आवारा कुत्तों को खाना खिलाना शुरू कर दिया.
पद्मावती अब रोजाना नियमित रूप से 80 से अधिक कुत्तों को खाना खिलाती हैं. वह दोपहिया वाहन से शहर के कुत्तों तक पहुंचती हैं और उन्हें खाना खिलाती हैं.
पद्मावती का पशु प्रेम बना मिसाल अगर आवारा कुत्ते बीमार हो जाते हैं, तो वह उनकी देखभाल करती हैं. शहर के लोग भी पद्मावती के इस नेक कार्य के लिए उनकी प्रशंसा कर रहे हैं.
पद्मावती की मां भी गली के कुत्तों को खाना खिलाती थीं. अब पद्मावती भी अपनी मां के पद चिन्हों पर चल रही हैं. वह हर दिन 80 से अधिक कुत्तों को खाना खिला रही हैं.
आवार कुत्तों के साथ पद्मावती स्कूटर का हॉर्न सुन कर दौड़ पड़ते हैं कुत्ते
पद्मावती सुबह और शाम कुत्तों को भोजन खिलाती हैं और वह पिछले पांच से छह वर्षों से नियमित रूप से यह कार्य कर रही हैं. इसलिए जब वह स्कूटर का हॉर्न बजाती हैं तो कुत्ते दौड़ते हुए उनके पास आते हैं.
पद्मावती की बेटी भी अब इस कार्य में जुट गई हैं और आवारा कुत्तों का पेट भरने के लिए वह अपनी मां का हाथ बंटा रही हैं. वह कुत्तों को भोजन परोसने के लिए अपनी मां के साथ जाती हैं.
आजकल लोग लाखों खर्च कर एक कुत्ता खरीदते हैं, लेकिन गली के कुत्तों की कोई देखभाल नहीं करता. इसलिए पद्मावती अब अच्छे रखरखाव के लिए पालतू कुत्तों को गांव में स्थानांतरित कर रही हैं. उन्होंने कहा कि हमें कुत्तों के साथ प्यार से पेश आना चाहिए. वे हमेशा हमें प्यार करेंगे.