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लव जिहाद पर बोले ओवैसी- कानून बनाने से पहले संविधान तो पढ़ लीजिए - स्‍पेशल मैरिज एक्‍ट

AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि भाजपा आगामी नगर निगम चुनावों को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश कर रही है, जबकि उसको यह बताना चाहिए कि जब हैदराबाद बाढ़ की चपेट में आ गया था, तो उन्होंने कितनी वित्तीय सहायता की थी.

असदुद्दीन ओवैसी
असदुद्दीन ओवैसी

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Published : Nov 22, 2020, 3:54 PM IST

Updated : Nov 22, 2020, 5:12 PM IST

हैदराबाद :ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा है कि भाजपा हैदराबाद में होने वाले नगर निगम चुनावों को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश कर रही है. इस दौरान औवेसी ने लव जिहाद कानून पर कहा कि यह कानून संविधान के अनुच्‍छेद 14 और 21 का उल्‍लंघन है.

उन्होंने आगे कहा कि यह कानून संविधान के अनुच्‍छेद 14 और 21 का उल्‍लंघन करता है. अगर सरकार को यह ही सब करना है, तो स्‍पेशल मैरिज एक्‍ट को ही खत्‍म कर दें. नफरत का यह दुष्‍प्रचार नहीं चलेगा.

AIMIM प्रमुख ने आगे कहा कि अगर आप रात में किसी भाजपा नेता को जगाते हैं और उनसे कुछ नाम पूछते हैं, तो वे कहेंगे औवेसी, गद्दारों, आतंकवाद और अंत में पाकिस्तान, जबकि बीजेपी को बताना चाहिए कि 2019 के बाद तेलंगाना, खासतौर पर हैदराबाद को उसने क्या वित्तीय मदद दी.

असदुद्दीन ओवैसी का बयान

इतना ही नहीं ओवैसी ने लव जिहाद कानून पर भाजपा को संविधान पढ़ने तक की नसीहत दे डाली.

पढ़ें - क्या है 'लव जिहाद', क्यों मचा है इतना बवाल ... जानें

उन्होंने आगे कहा कि हैदराबाद बाढ़ की चपेट में आ गया. मोदी सरकार ने हैदराबाद को कौन सी वित्तीय सहायता प्रदान की? वे इसे (चुनाव) सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि उन्होंने उस समय कोई मदद नहीं की. लोग जानते हैं यह यहां काम नहीं करेगा.

क्या है स्पेशल मैरिज एक्ट?

स्पेशल मैरिज एक्ट 1954 के तहत दो अलग-अलग धर्मों के लड़के-लड़कियां बिना अपने धर्म को बदले शादी कर सकते हैं. इस कानून के तहत दोनों को अपने धर्म में बदलाव करने की जरूरत नहीं है और बिना अपना धर्म बदले इस कानून के तहत रजिस्टर्ड शादी कर सकते हैं.

इस कानून के तहत शादी करने के लिए पहले से जानकारी देनी होती है, ताकि किसी को अगर कोई आपत्ति हो तो वो रजिस्ट्रार के ऑफिस जाकर अपनी आपत्ति दर्ज करा सकता है.

इसके बाद शादी के लिए एक फॉर्म भरना होता है और मैरिज रजिस्ट्रार के पास जमा कराना होता है.विशेषविवाह को पूरा करने के लिए किसी धार्मिक अनुष्ठान या समारोह की आवश्यकता नहीं है और गवाह की जिसे इस तथ्य का निर्णायक प्रमाण माना जाता है.

Last Updated : Nov 22, 2020, 5:12 PM IST

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