नई दिल्ली : निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्याकांड के मुजरिमों की मौत की सजा पर अमल के लिए आवश्यक वारंट जारी होने के बाद इन दोषियों के पास अब सिर्फ सुधारात्मक याचिका दायर करने का कानूनी विकल्प उपलब्ध है. इन दोषियों में से तीन का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता ने बताया कि वह शीघ्र ही उच्चतम न्यायालय में सुधारात्मक याचिका दायर करेंगे.
इसके अलावा अपराधी मौत की सजा के फंदे से बचने के लिए राष्ट्रपति के पास दया याचिका दायर करने के प्रावधान का भी इस्तेमाल कर सकते हैं.
इस सनसनीखेज अपराध के मुजरिमों अक्षय, पवन और विनय का प्रतिनिधित्व कर रहे अधिवक्ता एपी सिंह ने कहा कि वह शीघ्र ही उच्चतम न्यायालय में सुधारात्मक याचिका दायर करके इसका निबटारा होने तक मौत की सजा पर अमल के निचली अदालत के वारंट पर रोक लगाने का अनुरोध करेंगे.
सुधारात्मक याचिका अंतिम कानूनी उपाय है और आमतौर पर न्यायाधीशों के चेंबर में ही इस पर विचार किया जाता है.