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कृषि विधेयकों से टूटेंगे किसानों के बंधन, विरोधी बिचौलियों के साथ : पीएम मोदी - विश्वकर्मा जयंती

प्रधानमंत्री मोदी ने कृषि बिलों के हो रहे विरोध को राजनीति से प्रेरित बताया है. प्रधानमंत्री ने विपक्षी पार्टियों खासकर कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह इन विधेयकों का विरोध कर किसानों को भ्रमित करने का प्रयास कर रही हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि किसान और ग्राहक के बीच जो बिचौलिए होते हैं, जो किसानों की कमाई का बड़ा हिस्सा खुद ले लेते हैं, उनसे बचाने के लिए यह विधेयक लाए जाने बहुत आवश्यक थे. यह विधेयक किसानों के लिए रक्षा कवच बनकर आए हैं.

पीएम मोदी
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Published : Sep 18, 2020, 4:28 PM IST

Updated : Sep 18, 2020, 5:17 PM IST

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के किसानों को आश्वस्त किया कि लोक सभा से पारित कृषि सुधार संबंधी विधेयक उनके लिए रक्षा कवच का काम करेंगे और नए प्रावधान लागू होने के कारण वह अपनी फसल को देश के किसी भी बाजार में अपनी मनचाही कीमत पर बेच सकेंगे. प्रधानमंत्री ने विपक्षी पार्टियों खासकर कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह इन विधेयकों का विरोध कर किसानों को भ्रमित करने का प्रयास कर रही हैं और बिचौलियों के साथ किसानों की कमाई को बीच में लूटने वालों का साथ दे रही हैं.

उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि वह इस भ्रम में न पड़ें और सतर्क रहें. प्रधानमंत्री ने कहा कि किसानों को अपनी उपज कहीं पर भी किसी को भी बेचने की आजादी देना बहुत ऐतिहासिक कदम है. उन्होंने कहा, '21वीं सदी में भारत का किसान बंधनों में नहीं रहेगा. भारत का किसान खुलकर खेती करेगा. जहां मन होगा, अपनी उपज बेचेगा. जहां ज्यादा पैसा मिलेगा, वहां बेचेगा. किसी बिचौलिए का मोहताज नहीं रहेगा. यह देश की जरूरत है और समय की मांग भी है.'

मोदी ने यह बातें आज ऐतिहासिक कोसी रेल महासेतु को राष्ट्र को समर्पित करने और बिहार के रेल यात्रियों की सुविधाओं के लिए 12 रेल परियोजनाओं का शुभारंभ करने के बाद अपने संबोधन में कही.

मोदी ने कहा, 'कल विश्वकर्मा जयंती के दिन लोक सभा में ऐतिहासिक कृषि सुधार विधेयक पारित किए गए हैं. किसान और ग्राहक के बीच जो बिचौलिए होते हैं, जो किसानों की कमाई का बड़ा हिस्सा खुद ले लेते हैं, उनसे बचाने के लिए ये विधेयक लाए जाने बहुत आवश्यक थे. यह विधेयक किसानों के लिए रक्षा कवच बनकर आए हैं.'

उन्होंने कहा कि जो लोग दशकों तक सत्ता में रहे हैं और देश पर राज किया है, वह लोग किसानों को इस विषय पर भ्रमित करने की कोशिश कर रहे हैं ओर उनसे झूठ बोल रहे हैं.

उन्होंने कहा, 'जिस एपीएमसी एक्ट को लेकर अब यह लोग राजनीति कर रहे हैं, एग्रीकल्चर मार्केट के प्रावधानों में बदलाव का विरोध कर रहे हैं, उसी बदलाव की बात इन लोगों ने अपने घोषणापत्र में भी लिखी थी. लेकिन अब जब एनडीए सरकार ने यह बदलाव कर दिया है, तो यह लोग इसका विरोध करने पर उतर आए हैं. दुष्प्रचार किया जा रहा है कि सरकार के द्वारा किसानों को एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) का लाभ नहीं दिया जाएगा. ये भी मनगढ़ंत बातें कही जा रही हैं कि किसानों से धान-गेहूं इत्यादि की खरीद सरकार द्वारा नहीं की जाएगी. यह सरासर झूठ है, गलत है, किसानों को धोखा है.'

प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र की सरकार किसानों को एमएसपी के माध्यम से उचित मूल्य दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि सरकारी खरीद भी पहले की तरह जारी रहेगी, कोई भी व्यक्ति अपना उत्पाद दुनिया में कहीं भी बेच सकता है. जहां चाहे वहां बेच सकता है.

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मोदी ने कहा कि किसानों के लिए जितना राजग शासन में पिछले छह वर्षों में किया गया है, उतना पहले कभी नहीं किया गया.

उन्होंने कहा, 'मैं आज देश के किसानों को बड़ी नम्रता पूर्वक अपनी बात बताना चाहता हूं. संदेश देना चाहता हूं. आप किसी भी तरह के भ्रम में मत पड़िए. इन लोगों से देश के किसानों को सतर्क रहना बहुत जरूरी है ऐसे लोगों से सावधान रहें, जिन्होंने दशकों तक देश पर राज किया और जो आज किसानों से झूठ बोल रहे हैं. वह लोग आज किसानों की रक्षा का ढिंढोरा पीट रहे हैं.

उन्होंने कहा कि इन विधेयकों का विरोध करने वाले किसानों को अनेक बंधनों में जकड़ कर रखना चाहते हैं. 'वह लोग बिचौलियों का साथ दे रहे हैं. किसानों की कमाई को बीच में लूटने वालों का साथ दे रहे हैं.

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आपको बता दें कि लोक सभा ने गुरुवार को कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सुविधा) विधेयक, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक पारित कर दिया था. आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक पहले ही पारित हो चुका है.

Last Updated : Sep 18, 2020, 5:17 PM IST

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