नई दिल्ली : संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ विपक्षी दलों के नेता एकजुट हो गए हैं. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ' ब्रायन, राज्यसभा सांसद गुलाम नबी आजाद समेत कई वरिष्ठ नेताओं ने मंगलवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से भेंट की.
विपक्षी नेताओं ने राष्ट्रपति को एक ज्ञापन सौंपा है. राष्ट्रपति से भेंट के बाद सोनिया गांधी ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार जनता की आवाजें दबा रही है. उन्होंने कहा, 'हमारे पास दिल्ली में एक उदाहरण है, जहां पुलिस ने जामिया महिला छात्रावास में प्रवेश किया और उन्हें बाहर निकाला, पुलिस ने छात्रों को बेरहमी से पीटा.'
बकौल सोनिया, 'मुझे लगता है कि आप सभी ने देखा होगा कि लोगों की आवाज दबाने और कानून लागू करने के दौरान मोदी सरकार कोई दया नहीं करती.'
सोनिया गांधी ने कहा कि उत्तर पूर्व के राज्यों और दिल्ली में हालात तनावपूर्ण हैं. उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर पुलिस ने ज्यादती की. उन्होंने बताया कि विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति से इस मामले में दखल देने की अपील की है.
राष्ट्रीय जनता दल ( RJD) नेता और राज्यसभा सांसद मनोज झा ने कहा कि उन फैसलों के, जो संविधान के खिलाफ हैं, लिए राष्ट्रपति कोविंद सरकार से आग्रह करें कि इन कानूनों को वापस लें. उन्होंने कहा, 'आज हम सभी दल इसलिए एकत्र हुए हैं ताकि संविधान के मूल्यों को वापस ला सकें.'
सपा नेता रामगोपाल यादव ने कहा कि आम लोगों के मन में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर डर है. उन्होंने कहा कि ये कानून देश को बंटवारे की ओर ले जाने वाला है.