नई दिल्ली :केंद्र की ओर से बनाए गए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. दिल्ली-हरियाणा सीमा पर सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर प्रदर्शन का आज 14वां दिन है. इसी बीच पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, माकपा नेता सीताराम येचुरी और भाकपा नेता डी राजा समेत अन्य विपक्षी नेताओं ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की. राष्ट्रपति से मुलाकात के विपक्षी नेताओं ने कहा कि हमने सरकार को इन कानूनों को वापस लेने के लिए ज्ञापन दिया है.
सीपीआई (एम) नेता सीताराम येचुरी ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि कृषि कानूनों को लेकर हमने राष्ट्रपति को ज्ञापन दिया है. इसमें गैर लोकतांत्रिक तरीके से पारित किए गए कृषि कानूनों और बिजली संशोधन बिल पर फिर से विचार-विमर्श करने की मांग की गई है.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि हमने राष्ट्रपति से मांग की है कि इन किसान विरोधी कानूनों को वापस लिया जाए.
वहीं पूर्व कृषि मंत्री और राकांपा प्रमुख शरद पवार ने कहा कि सभी विपक्षी दलों के साथ इन विधेयक पर गहन चर्चा करने और फिर इसे समिति के पास भेजने का अनुरोध किया गया था, लेकिन कोई सुझाव स्वीकार नहीं किया गया और जल्दबाजी में इन विधेयकों को पारित किया गया है. पवार ने आगे कहा कि इतनी ठंड में भी किसान शांतिपूर्ण ढंग से सड़क पर उतरने को मजबूर हैं. इन मुद्दों को जल्द से जल्द सुलझाना सरकार का कर्तव्य है.
सरकार के साथ बैठक नहीं
बता दें कि गतिरोध थमता न देख मंगलवार को आहूत भारत बंद के बाद गृहमंत्री अमित शाह ने किसान नेताओं के साथ बैठक की थी. इसके बाद आज यानी 9 दिसंबर को भी केंद्र और किसान नेताओं के बीच छठे दौर की वार्ता होनी थी.
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हालांकि, किसान नेताओं और गृह मंत्री अमित शाह के बीच लगभग तीन घंटे की बैठक के बाद यह सामने आया कि किसानों और सरकार के बीच 9 दिसंबर को कोई बैठक नहीं होगी. अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्लाह ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया था कि किसान नेताओं को सरकार की ओर से एक प्रस्ताव दिया जाएगा. इसके बाद किसान नेता सरकार के प्रस्ताव पर एक बैठक करेंगे.
इससे पहले सोमवार को किसान कानूनों का विरोध कर रहे किसान नेता टिकैत ने कहा था कि संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा आहूत भारत बंद जनता के समर्थन से सफल होगा. उन्होंने कहा कि बीकेयू कार्यकर्ता दिल्ली-यूपी गाजीपुर सीमा पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.