भुवनेश्वर/कोलकाता : चक्रवाती तूफान बुलबुल पश्चिम बंगाल के तटीय क्षेत्रों में दस्तक दे चुका है. तटीय इलाकों में इसका प्रभाव देखने को मिल रहा है. वहीं ओडिशा के तटीय इलाकों में इसने तबाही मचानी शुरू कर दी है.
इस प्रचंड तूफान के प्रभाव से शनिवार को तटीय जिलों में भारी बारिश के साथ ही तीव्र हवाएं चल रही हैं. चक्रवाती तूफान ने सैकड़ों पेड़ों को जड़ से उखाड़ फेंका है जबकि एनडीआरएफ, ओडीआरएएफ, पुलिस और अग्निशमन कर्मी सड़कों पर गिरे पेड़ों को साफ करने में जुटे हैं, ताकि यातायात व्यवस्था सुचारु हो सके.
सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पश्चिम बंगाल में 12 घंटे के लिए हवाई यात्राएं पूरी तरह से रोक दी गयी हैं. कोलकाता एयरपोर्ट पर सारा कामकाज पूरी तरह ठप हो गया है. हवाई यात्राएं पूरी तरह से रोकने का आदेश शनिवार शाम छह बजे से लागू होगा. बता दें, यह पूर्वी इलाकों का सबसे व्यस्त मार्ग है.
गृह मंत्रालय की सुरक्षा व्यवस्था पर नजर
केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने शाह तथा कैबिनेट सचिव राजीव गॉबा को देशभर में सुरक्षा स्थिति से अवगत कराया. गॉबा बंगाल की खाड़ी में भयावह तूफान बुलबुल के लिए जरूरी राहत एवं बचाव अभियान की तैयारी के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति की बैठक की भी अध्यक्षता कर रहे हैं. बुलबुल से पश्चिम बंगाल और ओडिशा के तटीय जिलों के प्रभावित होने की संभावना है.
'बुलबुल से निबटने के लिए नौसेना तैयार'
प्रचंड चक्रवाती तूफान बुलबुल के प्रभाव से होने वाले किसी भी तरह की समस्या से निबटने के लिए भारतीय नौसेना ने अपने विमानों और तीन जहाजों को तैयार रखा है. यह जानकारी सुरक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने दी. प्रवक्ता ने कहा कि ईस्टर्न नेवल कमांड (ईएनसी) ने उत्तरी दिशा में बढ़ रहे चक्रवाती तूफान पर करीब से नजर बनाये रखी है.
प्रवक्ता ने कहा, 'बंगाल की खाड़ी में तैनात किए गए नौसेना के विमान, मछुआरों को चक्रवाती तूफान को देखते हुए चेतावनी देने के साथ उन्हें करीबी बंदरगाह पर आश्रय लेने की सलाह दे रहे हैं.' उन्होंने आगे कहा, 'भारतीय नौसेना के तीन जहाजों को राहत साम्रगी के साथ विशाखापत्तनम में तैनात किया गया है, ताकि सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में तत्काल राहत और बचाव कार्य शुरू किया जा सके.' ओडिशा और पश्चिम बंगाल में राहत कार्य के लिए दस गोताखोर और चिकित्सीय दलों को भी तैयार रखा गया है.
ओडिशा में राहत-बचाव प्रक्रिया शुरू
विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) प्रदीप जेना ने सूचित किया कि उन्हें केंद्रपाड़ा, जगतसिंहपुर और भद्रक जिलों में पेड़ों के गिरने से सड़क मार्ग अवरुद्ध होने की जानकारी मिली है. उन्होंने आगे कहा कि फिलहाल उन्हें जानमाल की हानि होने की कोई जानकारी नहीं मिली है.
एसआरसी ने कहा कि भद्रक जिले के धामरा में हवा की गति 110 किलोमीटर प्रतिघंटा दर्ज की गयी है. वहीं केंद्रापाड़ा जिला प्रशासन ने 1070 लोगों को संवेदनशील क्षेत्रों से हटा कर अलग-अलग आश्रय शिविरों में पहुंचाया है. बालासोर और जगतसिंहपुर जिलों में 1500 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है.
बीते 24 घंटों में पारादीप में सबसे अधिक 159 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गयी है. वहीं चांदबाली में 143 मिलीमीटर और बालासोर में 32 मिलीमीटर बारिश हुई है. मुख्य सचिव असित त्रिपाठी ने भुवनेश्वर मौसम केंद्र के निर्देशक एच. आर विश्वास के साथ शनिवार सुबह हालात की समीक्षा की. त्रिपाठी ने कहा, 'हम हालात पर निगरानी रख रहे हैं.'