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अभी कुछ महीने और रुलाएगा प्याज, इस वजह से बढ़ी कीमतें

बारिश के कारण नया प्याज खराब हो गया है. किसानों और व्यापारियों के पास गर्मियों की उपज का प्याज भंडार केवल 15 से 20 प्रतिशत शेष है. वहीं प्याज की नई पैदावार आने में अब करीब साढ़े तीन महीने लगेंगे. फरवरी तक नया प्याज बाजार में आएगा. तब तक प्याज के दाम में तेजी बनी रहेगी.

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Published : Oct 20, 2020, 7:25 PM IST

Updated : Oct 20, 2020, 8:03 PM IST

मुंबई : राज्य में नया प्याज बारिश के कारण खराब हो गया है. वहीं पुराने प्याज के स्टॉक कम हैं. विदेशों से मांग बढ़ने के कारण प्याज की कीमतें भी बढ़ गई हैं. थोक बाजार में नया प्याज 30 से 55 रुपये प्रति किलोग्राम मिल रहा है. पुराना प्याज 50 से 80 रुपये प्रति किलोग्राम मिल रहा है. खुदरा बाजार में गुणवत्ता के आधार पर प्याज 80 से 100 रुपये प्रति किलो बेचा जा रहा है. प्याज की कीमतें दिसंबर तक बढ़ते रहने की आशंका है.

लासलगांव में महंगाई कम हो गई

बाजार समिति लासलगांव नासिक जिले की सबसे बड़ी प्याज बाजार समिति है और अन्य समय में इस बाजार समिति में 14 से 15 हजार कुंतल प्याज आता है. प्याज की मांग अधिक है और आमद कम. वर्तमान में प्याज की औसत कीमत 7,000 रुपये प्रति कुंतल है. लासलगांव एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केट कमेटी के अध्यक्ष जयदत्त होल्कर ने कहा कि बेमौसम बारिश के कारण लाल प्याज को बहुत नुकसान होगा और दीवाली पर नए लाल प्याज बाजार में आएंगे.

नासिक में कीमत 7 हजार से 7 हजार 500

नासिक जिले की सभी बाजार समितियों में गर्मियों के समय प्याज की आपूर्ति में गिरावट के कारण प्याज का औसत मूल्य 7000 से 7500 रुपये प्रति कुंतल तक पहुंच गया है और उपभोक्ताओं को खुदरा बाजार में 80 रुपये में प्याज खरीदना पड़ रहा है. इसलिए, साधारण गृहिणियों ने मांग की है कि सरकार को प्याज की कीमतों को नियंत्रित करने का प्रयास करना चाहिए. नासिक जिले के किसानों और व्यापारियों के पास गर्मियों की उपज का प्याज भंडार केवल 15 से 20 प्रतिशत शेष है. नासिक जिले के कलवन तालुका में अभोना उप-मार्केट कमेटी में 9000 कुंतल की उच्च कीमत मिली. नासिक जिले में भारी बारिश के कारण लाल प्याज को बाजार तक पहुंचने में एक और महीना लगेगा.

पुणे में प्याज की कीमतें बढ़ती रहेंगी

मंगलवार को बाजार के यार्ड में पुराने प्याज के लगभग 50 से 60 ट्रक और केवल 300 बोरी नई प्याज पहुंची. बाजार को नए प्याज आने की उम्मीद थी. हालांकि, लगभग 50 से 60 प्रतिशत नए प्याज बारिश के कारण खराब हो गए हैं. दिसंबर के अंत तक नए प्याज के बाजार में आने की उम्मीद है. बारिश के कारण भंडारण में पुराना प्याज खराब हो गया है और इसका स्टॉक कम उपलब्ध है. बाजार में अच्छी गुणवत्ता वाले प्याज की मांग है. सूखे प्याज की विदेश से मांग बढ़ गई है. पुणे मार्केट यार्ड में सब्जी विभाग के प्रमुख हनुमंत कलमाकर ने कहा कि प्याज की कीमतें बढ़ रही हैं और अगले कुछ दिनों तक जारी रहेंगी. नवी मुंबई में प्याज की कीमत 3,900 रुपये प्रति कुंतल से बढ़कर 4,100 रुपये प्रति कुंतल हो गई है. खुदरा बाजार में प्याज 60-70 रुपये प्रति किलो बेचा जा रहा है.

सतारा में पुरानी प्याज की अच्छी कीमत

सतारा के खुदरा बाजार में प्याज 80 से 100 रुपये प्रति किलो बेचा जा रहा है. विक्रेताओं का अनुमान है कि दीवाली तक यह दर बढ़ती रहेगी. सतारा मार्केट यार्ड में सत्तारभाई गुलाब बागवान फर्म के प्रोपराइटर मोहम्मदभाई बागवान ने कहा कि पिछले एक हफ्ते में प्याज की कीमतें बढ़ी हैं. प्याज की कीमतें कुछ दिनों तक बढ़ती रहेंगी, क्योंकि, यह खराब होने वाली फसल है. सतारा जिले में और पश्चिमी महाराष्ट्र में लोनिंद प्याज के लिए एक बड़ा बाजार है. लोनिंद बाजार समिति के एक प्रमुख प्याज व्यापारी बिपिन शेठ शाह ने कहा कि पुराने प्याज की कीमत बढ़ गई है. प्याज की नई पैदावार आने में अभी लगभग साढ़े तीन महीने लगेंगे. फरवरी तक नया प्याज बाजार में आएगा, तब तक प्याज के दाम में तेजी बनी रहेगी.

देश में प्याज के उत्पादन में महाराष्ट्र पहले नंबर पर

देश में सबसे ज्यादा प्याज का उत्पादन महाराष्ट्र में होता है. देश में प्याज का लगभग 80% महाराष्ट्र में उगाया जाता है. नासिक के पास लासलगांव बाजार सबसे बड़ा बाजार है. 2019-20 में, महाराष्ट्र से 117 लाख टन प्याज का उत्पादन किया गया था. यह अब तक का रिकॉर्ड उत्पादन है. इसमें से 1 मिलियन टन रबी की फसल थी.

कर्नाटक, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में भी होता है उत्पादन

प्याज कर्नाटक, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में भी उगाया जाता है. हालांकि, बारिश ने वहां भी प्याज की फसल को प्रभावित किया है. इससे प्याज की कीमतों में आग लगी हुई है. आने वाने दिनों में भी कीमतों में नरमी के संकेत नहीं दिख रहे हैं.

निर्यात प्रतिबंध

14 सितंबर, 2020 को केंद्र सरकार ने आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया. इसका एनसीपी नेता शरद पवार, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और कुछ किसान नेताओं ने विरोध किया था. शरद पवार ने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से भी मुलाकात की थी. उन्होंने प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध हटाने की मांग की थी.

Last Updated : Oct 20, 2020, 8:03 PM IST

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