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MP के डॉक्टरों पर सरकार सख्त, गांवों में एक साल सेवा न देने पर रद्द होगा रजिस्ट्रेशन

मध्य प्रदेश में डॉक्टरों की सेवाओं को लेकर मध्य प्रदेश राज्य सरकार ने सख्ती दिखाई है. चिकित्सा शिक्षा मंत्री विजयलक्ष्मी साधौ ने कहा कि गांव में सेवा नहीं देने पर डॉक्टरों का रजिस्ट्रेशन रद्द होगा. जानें पूरा मामला

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Published : Sep 22, 2019, 6:34 PM IST

Updated : Oct 1, 2019, 2:48 PM IST

भोपालः मध्य प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में अपनी सेवाएं नहीं देने वाले डॉक्टरों को लेकर अब मध्य प्रदेश राज्य सरकार सख्त हो गई है. चिकित्सा शिक्षा मंत्री विजय लक्ष्मी साधौ ने डॉक्टरों पर सीधे कार्रवाई करने का फैसला लिया है. इसके लिए मध्यप्रदेश सरकार मेडिकल कॉलेजों में छात्रों के रजिस्ट्रेशन के नियम को बदलने जा रही है.

मंत्री विजय लक्ष्मी साधौ ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में ज्यादा से ज्यादा डॉक्टर अपनी सेवाएं दें. इस विषय को लेकर एक मीटिंग मंत्रालय में हो चुकी है जबकि दूसरी जल्द ही होने वाली है. चिकित्सा शिक्षा मंत्री की माने तो इससे पहले भी जब 2002 में वो चिकित्सा शिक्षा मंत्री थीं उस समय भी डॉक्टरों को अपनी नौकरी के लिए बांड भरवाया गया था. पर जो डॉक्टर गांव में काम नहीं करना चाहते थे वह रुपये भरकर चले जाते थे.

डॉक्टरों को गांव में देनी होगी कम से कम एक साल की सेवा

लेकिन अब चिकित्सा शिक्षा विभाग स्नातक छात्रों का रजिस्ट्रेशन जो कि तीन साल तक का होता है उस रजिस्ट्रेशन में एक नियम बना रही है. इस नियम के तहत एक साल ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी सेवाएं डॉक्टरों को देना अनिवार्य होगा और अगर डॉक्टर ऐसा नहीं करते हैं तो उनका रजिस्ट्रेशन रद्द हो जाएगा.

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इसी तरह से परास्नातक छात्र जो कि एमडी या एमएस कर रहे हैं उन्हें भी अपनी सेवाएं गांव में देनी होगी, ऐसा नहीं करने पर उनका रजिस्ट्रेशन भी रद्द हो जाएगा. मंत्री ने कहा कि डॉक्टरों को लेकर यह निर्णय कठोर जरूर है पर यह निर्णय मरीजों के हित में होगा.

Last Updated : Oct 1, 2019, 2:48 PM IST

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