अहमदाबाद : 'एक देश, एक चुनाव' की चर्चाओं के बीच मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) सुनील अरोड़ा ने कहा है कि लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ कराया जाना जल्द नहीं होने वाला है, यह तब तक नहीं हो सकता, जब तक कि राजनीतिक दल साथ बैठ कर सर्वसम्मति पर नहीं पहुंच जाते और कानून में जरूरी संशोधन नहीं लाया जाता.
मुख्य चुनाव आयुक्त ने शनिवार को यहां निरमा विश्वविद्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि चुनाव आयोग इस मामले में बहुत कुछ नहीं कर सकता, लेकिन वह ऐसी व्यवस्था को तरजीह देगा. उन्होंने कहा, 'मैं महज इतना कह रहा हूं कि हमलोग सैद्धांतिक रूप से इस पर सहमत हैं.'
उन्होंने कहा कि हालांकि यह राजनीतिक दलों पर निर्भर करता है कि वे (इस विषय पर) एकसाथ बैठें और किसी निष्कर्ष पर पहुंचे, कानून में संशोधन करें ताकि देशभर में लोकसभा व विधानसभा चुनाव एक साथ कराये जा सकें.
अरोड़ा ने कहा, 'जब तक ऐसा नहीं होता है, तब तक सेमिनारों में बात करने के लिए यह एक अच्छा विषय है. लेकिन यह बहुत जल्द भी नहीं होने वाला है. एक साथ चुनाव 1967 तक देश में हो रहे थे, उसके बाद कुछ राज्यों में विधानसभाओं के भंग होने और अन्य कारणों के चलते 'इस व्यवस्था में असंतुलन' पैदा हुआ.'
चुनाव आयुक्त ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती, इसके बावजूद कुछ लोग इसके विपरीत दावा कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, 'मैं आप सभी से जिम्मेदारीपूर्वक कहना चाहूंगा कि ईवीएम के साथ छेड़छाड़ नहीं की जा सकती. इसमें खराबी आ सकती है, जैसा कि आपकी कार या दोपहिया वाहनों में होता है, लेकिन इनसे छेड़छाड़ नहीं की जा सकती.'