नई दिल्ली: नवरात्रि का त्योहार भारतीय संस्कृति में उत्साह,उल्लास और उमंग का त्योहार है. यह दुनियाभर में हिंदुओं द्वारा मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है. नौ दिनों तक मनाए जाने वाला यह त्योहार इस बार 29 सितंबर से शुरू हो गया.
शारदीय नवरात्रि आश्विन शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को आरंभ होता है और भारत में शरद ऋतु के आगमन का प्रतीक भी माना जाता है.
संस्कृत में नवरात्रि का अर्थ है नौ रातें, जिसमें देवी दुर्गा के नौ रूपों की एक विशेष क्रम में पूजा की जाती है. व्रत का पालन करने और विभिन्न अनुष्ठानों करने के साथ प्रत्येक दिन के लिए एक विशेष प्रसाद तैयार करना प्रतीकात्मक महत्व रखता है.
आध्यात्मिक गुरु अक्षर ने बताया, 'प्रेम और भक्ति के साथ अलग-अलग अवतारों की पूजा करने से शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक शक्तियां मिलती है. मां शारदे देवी का प्रत्येक रूप विशेष शक्तियों और दैवीय गुणों की कुंजी है.'
उन्होंने विशिष्ट प्रसाद या भोग की एक सूची बताई, जो नौ दिनों तक शारदीय नवरात्र में नौ शक्तियों को प्रत्येक दिन देवी दुर्गा को अर्पित किए जाते हैं.
गुरु अक्षर के अनुसार मां शैलपुत्री 'पहाड़ों की बेटी' के रूप जानी जाती है, वह शक्तिशाली ऊर्जा देती है. जो आपको शक्ति और दृढ़ता का आशीर्वाद देती है. देसी गाय के दूध से बना शुद्ध घी उन्हें अर्पित किया जाता है. अगर पूर्णिमा की रात घी का मंथन किया हुआ अर्पण करे तो वह सर्वोतम माना जाता है.
मां ब्रह्मचारिणी - स्वयं पर संयम और नियंत्रण के लिए आशीर्वाद देती है. दूसरा दिन अपनी ऊर्जाओं को बढ़ाने का दिन है. इन्हें गुड़ और दूध चढ़ाया जाता है. मिठाई में सफेद रंग होना चाहिए, जैसे नारियल की मिठाई देवी को 'भोग' के रुप में अर्पित करना चाहिए.
मां चंद्रघंटा- इन्हें दूध से बने उत्पाद मिठाइयाँ आदि पसंदीदा हैं.
मां कूष्मांडा- ये प्रगति और सफलता की देवी हैं. कूष्मांडा मां नारियल, नारियल पानी का प्रसाद पसंद करती हैं. गुड़ से बनी मिठाई को चढ़ाया जाना आदर्श माना जाता है.
मां स्कंदमाता - मां स्कंदमाता को प्रसन्न करने के लिए उन्हें फल, विशेष रूप से केला चढ़ा सकते हैं.
मां कात्यायिनी - कात्यायिनी देवी के लिए आदर्श भोग शहद और गुड़ है.