हैदराबाद : शोधकर्ताओं ने पाया है कि कोरोना महामारी मोटापे से ग्रस्त लोगों पर नकारात्मक प्रभाव डाल रही है क्योंकि वह अपने वजन और मानसिक स्वास्थ्य को ठीक रखने के लिए कोई मेहनत नहीं कर पाते हैं.
जर्नल क्लिनिकल ओबेसिटी में प्रकाशित शोध के लिए अनुसंधान दल ने मोटापे से ग्रस्त 123 रोगियों का अध्ययन किया और खुलासा किया कि लगभग 73 प्रतिशत रोगियों में चिंता और तनाव बढ़ गया था और 84 प्रतिशत मरीज गहरे अवसाद में चले गए थे.
अमेरिका के टेक्सास विश्वविद्यालय के लेखक सारा मसीहा ने कहा कि सभी को बताया गया कि संक्रमण से खुद को बचाने के लिए घर पर रहें और विशेष रूप से गंभीर मोटापे से ग्रस्त लोगों को जो अगर कोरोना की चपेट में आते हैं तो उनकी जान को खतरा हो सकता है.
यह डेटा 15 अप्रैल से 31 मई तक संग्रह की गई एक ऑनलाइन प्रश्नावली से आया था. प्रतिभागियों की औसत आयु 51 वर्ष थी और इनमें 87 प्रतिशत महिलाएं थीं. इन रोगियों के लिए औसत बॉडी मास इंडेक्स 40 था.
निष्कर्षों से पता चला है कि लगभग 70 प्रतिशत लोगों को वजट घटाने में काफी दिक्कते हो रही हैं, जबकि 48 प्रतिशत के पास व्यायाम का समय कम था और 56 प्रतिशत लोग रोज की दिनचर्या में व्यायाम को शामिल नहीं कर पा रहे थे. लगभग आधे रोगियों में भोजन को स्टॉक करने की प्रवृति बढ़ गई और 61 प्रतिशत रोगी तनाव से ग्रसित होकर भोजन खा रहे थे.
शोधकर्ताओं के अनुसार दो रोगियों ने सार्स-सीओवी-2 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई. लेकिन लगभग 15 प्रतिशत लोगों ने वायरस वाले लक्षण होने की जानकारी दी. इनमें से लगभग 10 प्रतिशत लोगों ने अपनी नौकरी खो दी और 20 प्रतिशत ने कहा कि वह संतुलित भोजन करने की उनकी क्षमता नहीं है.