अहमदाबाद : नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) नेता निखिल सवानी ने आरोप लगाया कि बीते मंगलवार को एनएसयूआई कार्यकर्ताओं पर हुए हमले में बीजेपी का हाथ था और ये सारी घटना पुलिस के सामने हुई, जो मूकदर्शक बनी रही.
सावनी ने गुरुवार को मीडिया कॉन्फ्रेंस में आरोल लगाते हुए कहा, 'हमारे ऊपर चाकू और लाठियों से हमला किया गया. ये पूरी वारदात पुलिस के सामने हुई. मौके पर मौजूद पुलिस भी मारपीट कर रहे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कार्यकर्ताओं को रोकने की कोशिश नहीं कर रही थी. पुलिस इस घटना को बढ़ावा दे रही थी और वारदात के समय मौजूद मीडियाकर्मियों को कैमरे में घटना कैद करने से भी मना कर रही थी.'
निखिल ने कहा कि पुलिस ने अब तक उनकी तरफ से की गई कोई भी शिकायत दर्ज नहीं की है. मीडिया के पास वीडियो फुटेज है और घटनास्थल पर जो कैमरे लगे थे, उसमें भी भी वीडियो फुटेज कैद है. सीसीटीवी फुटेज में सब कैद है कि किसने पहले हमला किया.
उन्होंने राज्य में सत्तारूढ़ बीजेपी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह गुजरात में लोगों को दबाकर राजनीति करना चाहती है.
गौरतलब है कि अहमदाबाद में ABVP और NSUI के कार्यकर्ताओं के बीच भिड़ंत के मामले में दोनों छात्र संगठनों के 25 सदस्यों के खिलाफ के मुकदमा दर्ज किया गया है.
हालांकि एनएसयूआई ने आरोप लगाया कि पुलिस प्राथमिकी में गुजरात भारतीय जनता युवा मोर्चा (बीजेवाईएम) के अध्यक्ष रित्विज पटेल और भाजपा की प्रदेश इकाई के सचिव प्रदीप सिंह वाघेला के नाम शामिल नहीं करना चाहती.
कांग्रेस की छात्र शाखा ने दावा किया कि दिल्ली में जेएनयू परिसर में रविवार की हिंसा के विरोध में मंगलवार के प्रदर्शन के दौरान जब पालडी इलाके में एबीवीपी कार्यालय के बाहर एनएसयूआई के महासचिव निखिल सवानी को पीटा जा रहा था, तब पटेल और वाघेला दोनों वहां मौजूद थे.
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पालडी पुलिस थाना के इंस्पेक्टर बी.एस. रबारी की ओर से दायर शिकायत के आधार पर एबीवीपी और एनएसयूआई के 25 अज्ञात सदस्यों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 147 (दंगा), 143 (गैरकानूनी रूप से जमा होने), 323 और 324 के तहत मामला दर्ज किया गया है. अब तक इस मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है.
हालांकि सिर में चोट लगने के बाद अस्पताल में भर्ती निखिल सवानी ने अपनी शिकायत की प्रति पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया है.
एनएसयूआई के महासचिव भाविक सोलंकी ने कहा, 'सवानी ने रित्विज पटेल और प्रदीप सिंह वाघेला के नाम दिए थे, लेकिन पुलिस प्राथमिकी में किसी का नाम नहीं देने के लिए हमें मनाने की कोशिश कर रही है. प्राथमिकी में जब तक वाघेला और पटेल के नाम शामिल नहीं किए जाते, तब तक सवानी उस पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे.'
गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष अमित चावड़ा ने कहा कि प्राथमिकी में दोनों भाजपा नेताओं के नाम शामिल किए जाने की एनएसयूआई की मांग पर पार्टी नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल अहमदाबाद पुलिस आयुक्त आशीष भाटिया से मुलाकात करेगा.
इस बीच एबीवीपी ने कहा कि वह भी पुलिस में शिकायत दर्ज कराएगी.
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क्या था पूरा मामला-
ABVP और NSUI कार्यकर्ताओं के बीच मंगलवार को अहमदाबाद में हिंसक झड़प हो गई थी, जिसमें कई लोग घायल हो गए थे. यह घटना तब हुई जब दिल्ली के जेएनयू परिसर में रविवार शाम छात्र-छात्राओं और अध्यापकों पर नकाबपोश बदमाशों से पिटवाए जाने के विरोध में एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने एबीवीपी कार्यलय को घेर लिया था. इसके बाद दोनों गुट आमने -सामने आ गए और दोनों ओर से जमकर पत्थर-लाठी चले. इस दौरान चार लोग घायल भी हो गए थे. वहीं पुलिस ने हिंसा को शांत करने के लिए लाठीचार्ज भी किया था.