दीमापुर (नगालैंड) :नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड (एनएससीएन (आईएम) संगठन ने पूर्वोत्तर राज्य में उग्रवाद के मुद्दे को सुलझाने संबंधी वार्ता में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रत्यक्ष भागीदारी की मांग की है. साथ ही जोर दिया कि वार्ता किसी 'तीसरे देश' में की जाए. समूह के महासचिव थुइंगालेंग मुइवा ने गत 25 फरवरी को प्रधानमंत्री को यह पत्र लिखा था लेकिन अब तक इसे सामने नहीं लाया गया था.
सरकार के साथ वार्ता करने वाले समूह के प्रमुख वार्ताकार मुइवा ने इस पत्र में, 2015 में हस्ताक्षरित रूपरेखा समझौते के साथ ही उस प्रस्ताव का भी जिक्र किया है कि राज्य के लिए अलग संविधान एवं राष्ट्रीय झंडे की अनुमति दी जानी चाहिए.
मीडिया को सोमवार को यह पत्र जारी किया गया और संगठन ने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से 'फीकी प्रतिक्रिया' के कारण पत्र को सार्वजनिक किया गया.