नई दिल्ली: असम पब्लिक वकर्स (एपीडब्ल्यू) ने असम के राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनआरसी) के सौ फीसदी पुन: सत्यापन की मांग को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में एक नई याचिका दायर की है.
दिल्ली में ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए एपीडब्ल्यू के अध्यक्ष अभिजीत शर्मा ने एनआरसी के पूर्व समन्वयक प्रतीक हजेला पर सरकारी धन की हेराफेरी करने का गंभीर आरोप लगाया है.
आपको बता दें कि असम स्थित एपीडब्ल्यू एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) है और यह शीर्ष अदालत एनआरसी के अद्यतन की मांग करने वालों में पहला याचिकाकर्ता था.
बातचीत के दौरान शर्मा ने बताया कि हजेला ने कुछ चुनिंदा लोगों के साथ मिलकर केंद्र सरकार द्वारा एनआरसी अपडेट प्रक्रिया के लिए आवंटित धन के एक बड़े हिस्से का साथ हेराफेरी की है.
दूसरी तरफ अभिजीत शर्मा ने एनआरसी प्रक्रिया में खामियाजों का जिक्र करते हुए कह कि 31 अगस्त, 2019 को प्रकाशित एनआरसी में अस्सी लाख अवैध विदेशी शामिल होने का दावा किया.
शर्मा ने यह भी कहा कि,'हमने संपूर्ण एनआरसी प्रक्रिया के 100 प्रतिशत पुन: सत्यापन की मांग की है. हमने न्यायिक समिति का गठन करके एक उचित जांच करने की भी अपील की है, ताकि एनआरसी अपडेशन (अद्यतनीकरण) प्रक्रिया में शामिल विसंगतियों का पता लगाया जा सके. हमने यह भी सिफारिश की है कि सीबीआई, एनआईए और ईडी जैसी एजेंसियों को जांच करने की अनुमति दी जाए'.