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पश्चिम बंगाल विधानसभा में पेश होगा NRC प्रस्ताव, भाजपा का विरोध

भाजपा ने एलान किया है वो कि आज शुक्रवार को पश्चिम बंगाल विधानसभा में एनआरसी के खिलाफ पेश होने वाले प्रस्ताव का विरोध करेगी. बीजेपी ने आरोप लगाया है कि पश्चिम बंगाल अल्पसंख्यकों का वोट पाने के लिए यह प्रस्ताव ला रही है.

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Published : Sep 6, 2019, 7:01 AM IST

Updated : Sep 29, 2019, 2:54 PM IST

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कोलकाता: भारतीय जनता पार्टी के एक नेता ने कहा है कि वो सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ( टीएमसी), लेफ्ट और कांग्रेस द्वारा पश्चिम बंगाल विधानसभा में राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण (एनआरसी) के खिलाफ लाए जा रहे प्रस्ताव का विरोध करेगी.

बता दें कि यह संयुक्त प्रस्ताव शुक्रवार को विधानसभा में पेश किया जाएगा. भाजपा नेता ने टीएमसी पर निशाना साधते हुए कहा कि एनआरसी का विरोध करके विपक्ष देशद्रोहियों जैसा कार्य कर रहा है.

उन्होंने कहा कि एनआरसी का कार्य काम सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार हुआ है. इसमें भाजपा की कोई भूमिका नहीं है सिवाय के कि इसने इस कार्य का समर्थन किया और इसकी प्रक्रिया में भाग लिया.

भाजपा के राज्य के उपाध्यक्ष जय परखा मजूमदार ने कहा कि यह काम राष्ट्र हित में था लेकिन टीएमसी केवल अल्पसंख्यक वोट पाने के लिए इसका विरोध कर रही है.

उन्होंने प्रस्ताव की निंदा करते हुए कहा कि हम प्रस्ताव का विरोध करेंगे, हम जानते हैं हमारे पास पर्याप्त संख्या नहीं है.लेकिन फिर भी हम अपना विरोध दर्ज करवाएंगे. उन्होंने कहा कि कांग्रेस और टीएमसी दोनों अपना अतीत भूल गए हैं. जब उन्होंने अवैध बंग्लादेशियों की घुसबैठ का विरोध किया था.

बता दें कि 294 विधायकों वाली पश्चिम बंगाल विधानसभा में बीजेपी के केवल छह विधायक हैं. वहीं टीएमसी के पास 211 विधायक जबकि बाकी विधायक कांग्रेस और लेफ्ट के हैं.

मजूमदार ने लोकसभा में एक घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि 2005 जब टीएमसी सांसद के रूप में बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ के मुद्दे को उठाने की कोशिश की थी तो उस समय के लोकसभा

डिप्टी स्पीकर चरणजीत सिंह अतवाल ने इस मुद्दे को उठाने के लिए इजाजत देने से इंकार कर दिया था जिस पर ममता बनर्जी ने अठवाल पर दस्तावेज फेंके थे.

उन्होंने कहा कि उस समय ममता ने अवैध घुसपैठ का विरोध किया गया था, क्योंकि उस समय सीपीआईएम अवैध रूप से शरण लेने वाले बंग्लादेशी वाम पार्टी का वोट बैंक था. और अब वो टीएमसी का वोट बैंक है.

मजूमदार ने कहा कि यह ही कारण है कि टीएमसी इस वक्त राष्ट्र विरोधी कदम उठा रहा है और एनआरसी का विरोध कर रही है.

वहीं उन्होंने कांग्रेस को भी आढ़े हाथों लेते हुए कहा कि कांग्रेस को नहीं भूलना चाहिए कि वो राजीव गांधी ही थे जिन्होंने 1985 में असम समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. जिसमें एनआरसी अहम परिच्छेद था और अब वो ही असका विरोध कर रहे हैं.

पढ़ें-NRC सूची से नाराज AASU, सुप्रीम कोर्ट का करेंगे रुख

भाजपा नेता ने कहा असम देश का एक लौता राज्य है जहां एनआरसी अपडेट की गई है. जो उत्तर पूर्वी राज्य में भारतीय नागरिकता का सत्यापन करता है.

उन्होंने कहा कि एनआरसी एक रजिस्टर है जिसका रखरखाव सरकार द्वारा किया जाता है.जिसमें नागरिकों के नाम के अलावा उनकी कुछ अहम जानकारी शामिल होती है. जो भारत के नागरिकों का सत्यापन करती है. पहली बार यह रजिस्टर 1951 में तैयार किया गया था.

Last Updated : Sep 29, 2019, 2:54 PM IST

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