दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

नैनीताल हाईकोर्ट ने तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों को भेजा नोटिस, जानें कारण

नैनीताल हाई कोर्ट ने राज्य सरकार और तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने यह नोटिस एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दी है. हाई कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा, रमेश पोखरियाल निशंक और भगत सिंह कोश्यारी को नोटिस जारी किया.

notice to former chief ministers
डिजाइन फोटो

By

Published : Jan 22, 2020, 10:07 PM IST

Updated : Feb 18, 2020, 1:26 AM IST

नैनीताल: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी आवास का किराया, अन्य भत्तों व बिल जमा करने के मामले में नैनीताल हाई कोर्ट की एकलपीठ ने सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों समेत राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.

दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्रियों के बकाया मामले पर सरकार के एक्ट को हाई कोर्ट में चुनौती मिली है. कोर्ट अब इस मामले पर 11 फरवरी को सुनवाई करेगा.

पूर्व में मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगले का किराया व अन्य भत्ते जमा करने के आदेश दिए थे, जिसके बाद राज्य सरकार ने अध्यादेश जारी कर पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी घर समेत अन्य भत्तों को जमा न करने की छूट दी थी. सरकार के इसी कदम को फिर से याचिकाकर्ता रूरल लिटिगेशन संस्था ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. इसके बाद कोर्ट ने सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को बाजार भाव से किराया जमा करने के आदेश दिए थे.

पूर्व मुख्यमंत्रियों को नोटिस

कोर्ट के इस आदेश के बाद सरकार द्वारा एक्ट जारी कर सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों से स्टैंडर्ड रेंट जमा करवाने का फैसला किया गया, जिसमें मानक किराया सरकार तय करेगी. साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री बिजली, पानी, सीवरेज, सरकारी आवास आदि का बकाया खुद वहन करेंगे लेकिन किराया सरकार तय करेगी. जिसको एक बार फिर याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है.

पूर्व में सरकार ने 5 पूर्व मुख्यमंत्रियों पर 2 करोड़ 85 लाख रुपए की राशि बकाया होने की रिपोर्ट कोर्ट में पेश की थी, जो इस प्रकार है-

  • पूर्व सीएम निशंक पर 40 लाख 95 हजार
  • बीसी खंडूड़ी पर 46 लाख 59 हजार
  • विजय बहुगुणा पर 37 लाख 50 हजार
  • भगत सिंह कोश्यारी पर 47 लाख 57 हजार रुपए बकाया है.
  • पूर्व मुख्‍यमंत्री स्व. एनडी तिवारी के नाम पर एक करोड़ 13 लाख रुपए की राशि बकाया है.

ये भी पढ़ें:फिलहाल सीएए पर रोक से सुप्रीम कोर्ट का इनकार, चार सप्ताह बाद होगी सुनवाई

बता दें कि नैनीताल हाई कोर्ट में देहरादून की रूरल लिटिगेशन संस्था ने जनहित याचिका दायर कर कहा था कि प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकार द्वारा जो सरकारी भवन और सुविधाएं दी जा रही हैं वो गलत हैं. साथ ही जब से पूर्व मुख्यमंत्री सरकारी भवन का प्रयोग कर रहे हैं उनसे उस अवधि के दौरान का किराया वसूलने की मांग भी की गई थी.

पूर्व मुख्यमंत्रियों को सुविधाएं देने पर मुहर
गौर हो कि उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्रियों को लेकर राज्य सरकार द्वारा विधानसभा में लाए गए विधेयक पर अंतिम मुहर लग गई है. राज्यपाल से मंजूरी मिलने के बाद अब अधिनियम की अधिसूचना भी जारी कर दी गई है. प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों की सुविधाओं को लेकर विधाई विभाग ने भूतपूर्व सुविधा अधिनियम 2019 की अधिसूचना जारी की है. अधिसूचना जारी होने के बाद अब प्रदेश के 31 मार्च 2019 तक के पूर्व मुख्यमंत्रियों को सुविधाओं का लाभ मिलना तय हो गया है. इसके अनुसार आवास के किराए के रूप में सरकारी दरों से करीब 25% अधिक दर से पूर्व मुख्यमंत्रियों को भुगतान करना होगा. मानक सरकार तय करेगी.

Last Updated : Feb 18, 2020, 1:26 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details