प्रयागराज:पांच मई, 2017 को सहारनपुर के शब्बीरपुर गांव में दलित और राजपूत समुदाय के बीच भड़की हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हो गए थे. ये हिंसा महाराणा प्रताप जयंती के मौके पर निकाले गए जुलूस में बजाए जा रहे तेज म्यूजिक को लेकर भड़की थी. इसे लेकर 56 दलित घरों में आग लगा दी गई थी.
दलितों का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील राज कुमार ने कहा, अक्टूबर में वी.के. लाल की विशेष एससी/एसटी अदालत ने दो अधिकारियों- सहारनपुर के पूर्व जिला मजिस्ट्रेट आलोक पांडे और समाज कल्याण विकास विभाग के पूर्व अतिरिक्त मुख्य सचिव मनोज सिंह द्वारा कानून को लागू करने में विफलता को लेकर तीखी टिप्पणियां की थीं.
उन्होंने पाया था, ऐसी अवमानना करना राजद्रोह का मामला है. एससी/एसटी अधिनियम में शिकायत के पंजीकरण का कोई प्रावधान नहीं है, लेकिन विशेष अदालत ने दो आईएएस अधिकारियों के खिलाफ राजद्रोह की प्राथमिकी दर्ज करने के बजाय ऐसा किया. हमने इस आदेश को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी. उन्होंने हमारी याचिका स्वीकार कर ली और दोनों अधिकारियों को नोटिस जारी कर दिया.