नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने कहा है कि राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) को धार्मिक आधार पर देशभर में लागू करने की कोई योजना नहीं है.
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बुधवार को राज्यसभा में एक लिखित जवाब में यह जानकारी दी. वह तृणमूल कांग्रेस के सदस्य अहमद हसन के सवाल का जवाब दे रहे थे.
अहमद हसन ने पूछा था कि सरकार ने क्या एनआरसी को धार्मिक आधार पर देशभर में लागू करने का निर्णय किया है. इसपर राय ने जवाब देते हुए कहा - नहीं.
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टीएमसी सांसद अहमद हसन ने यह भी जानना चाहा था कि क्या सरकार ने इस प्रक्रिया के लिए देशभर में हिरासत केंद्रों के लिए स्थानों की पहचान की है और यदि ऐसा है तो क्या अगले पांच वर्ष में राज्यवार हिरासत केंद्र बनकर तैयार हो जाएंगे.
गृह राज्य मंत्री ने अपने जवाब में कहा कि राज्य/केंद्रशासित प्रदेशों ने अपनी जरूरत के हिसाब से हिरासत केंद्र स्थापित कर रखे हैं.
गृह मंत्रालय का राज्यों को निर्देश - अवैध प्रवासियों की करें पहचान
नित्यानंद ने राज्यसभा को यह जानकारी भी दी कि गृह मंत्रालय ने सभी राज्य सरकारों और केंद्रशासित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि वे अवैध प्रवासियों की पहचान करें और अवैध तरीके से हासिल किए गए उनके भारतीय दस्तावेज निरस्त करें.
गृह राज्य मंत्री बेंगलुरु में रह रहे बांग्लादेशी प्रवासियों को लेकर सांसद राजीव चंद्रशेखर द्वारा पूछे गए प्रश्न का जवाब दे रहे थे.
राय ने कहा, 'अवैध प्रवासी किसी यात्रा दस्तावेज के बिना देश में प्रवेश करते हैं. भारत में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी सहित विदेशी नागरिकों को देश निकाला एक सतत प्रक्रिया है.'
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उन्होंने कहा, 'गृह मंत्रालय ने सभी राज्य सरकारों और केंद्रशासित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि वे अवैध प्रवासियों की पहचान करें, नियमानुसार कुछ स्थानों पर उनका प्रवेश निषिद्ध करें, उनकी बॉयोग्राफिक व बॉयोमेट्रिक सूचना एकत्र करें और अवैध तरीके से हासिल किए गए उनके भारतीय दस्तावेज निरस्त करें.'
राय के अनुसार इसके साथ ही संबंधित एजेंसियों को यह भी सलाह दी गई है कि ऐसे प्रवासियों को देश से बाहर निकालने के लिए कानून के प्रावधानों के तहत वे कार्रवाई करें.