पटना : लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने गुरुवार को यह स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जदयू से गठबंधन तोडने के निर्णय का बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर राजग में सीटों की साझेदारी से कोई संबंध नहीं है तथा मुख्यमंत्री ने महादलित का गठन कर दलित समुदाय को नुकसान पहुंचाया है .
चिराग ने एक साक्षात्कार के दौरान बताया कि दलितों के बीच से महादलित का गठन कर नीतीश ने इस समुदाय के बीच फूट डालने का काम किया. उन्होंने कहा कि इसका उनके पिता और लोजपा के संस्थापक रामविलास पासवान हमेशा विरोध करते रहे.
उन्होंने कहा कि पिछला लोकसभा चुनाव लोजपा ने जदयू के साथ राजग में मजबूरी वश लड़ा था. उन्होंने दावा किया कि जदयू के नेताओं ने पिछले लोकसभा चुनाव में गठबंधन धर्म का पालन न कर लोजपा के खिलाफ काम किया था.
बता दें कि केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान का निधन हाल में ही हुआ है. अपने पिता को याद करते हुए 37 वर्षीय चिराग ने कहा, 'मुझे सबसे अधिक दुख राज्यसभा चुनाव के समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी का मेरे पिता जी के साथ बरते गए व्यवहार को लेकर हुआ था.' लोजपा प्रमुख ने दावा किया कि उस समय रामविलास पासवाल को राज्यसभा के लिए नामांकन के वास्ते नीतीश अपने साथ बिहार विधानसभा ले जाने के लिए उनके पिता को मुख्यमंत्री आवास तक जाना पडा था. उन्होंने कहा कि उनके पिता के काफी अनुरोध किया.
चिराग ने कहा कि इस सब के बावजूद नामांकन के लिए शुभ मुहूर्त का समय निकल जाने के बाद नीतीश आखिरी पांच मिनट में उनके पिता के साथ वहां पहुंचे.
उन्होंने कहा, 'उस दिन से मुझे इस बात का दुख था कि आज आपके (नीतीश के) पास वर्चस्व और ताकत है तो आपने उसका पूरा इस्तेमाल किया.' चिराग ने यह भी कहा, 'एक पुत्र के नाते पिता तथा देश के इतने बडे कद्दावर नेता का किसी के समाने से इस तरह झुकते हुए देखना मुझे बहुत बुरा लगा .' चिराग ने नीतीश के उस बयान का भी उल्लेख किया जिसमें उन्होने कहा था कि रामविलास पासवान क्या जदयू के समर्थन के बिना राज्यसभा के लिए निर्वाचित हो सकते थे? उन्होने कहा, ' उन्हें (नीतीश को) याद रखना चाहिए मेरे पिता को भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह द्वारा एक राज्यसभा सीट दिए जाने का वादा किया गया था.