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'भारत में रूकें और पढ़ें' के तहत 100 वैश्विक संस्थाओं से गठजोड़ संभव : शिक्षा मंत्री

केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि हर साल 7.5 से 8 लाख छात्र विदेशों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने जाते हैं, अगर उन्हें देश में वैसी ही सुविधा मिले तब वह रूक सकते हैं .विदेशों में उन्हें जो सुविधा या शिक्षा मिलती हैं. हम भारत में उन्हें उपलब्ध कराना चाहते हैं.

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Published : Aug 25, 2020, 6:25 PM IST

Ramesh Pokhriyal Nishank
रमेश पोखरियाल निशंक

नई दिल्ली : केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने मंगलवार को कहा कि भारत में रूकें और पढ़ें कार्यक्रम के तहत दुनिया के 100 शीर्ष संस्थाओं को देश में आमंत्रित किया जायेगा जो भारत की श्रेष्ठ संस्थाओं के साथ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए गठजोड़ करेंगे.

कर्नाटक केंद्रीय विश्वविद्यालय के नए भवन का डिजिटल माध्यम से शुभारंभ करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हर साल 7.5 से 8 लाख छात्र विदेशों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने जाते हैं, अगर उन्हें देश में वैसी ही सुविधा मिले तब वह रूक सकते हैं.

उन्होंने कहा कि अगर भारत में वैसी ही स्थितियां उपलब्ध हो तब इन 7-8 लाख छात्रों को बाहर जाने की क्या जरूरत होगी . विदेशों में उन्हें जो सुविधा या शिक्षा मिलती हैं. हम भारत में उन्हें उपलब्ध कराना चाहते हैं .

निशंक ने कहा ऐसे छात्र भारत में उत्कृष्ठ शिक्षा प्राप्त करें और देश की प्रगति में भागीदार बने, इस उद्देश्य से हमने भारत में रूकें, भारत में पढ़ें कार्यक्रम तैयार किया है.

उन्होंने कहा हम दुनिया के 100 शीर्ष संस्थाओं को आमंत्रित कर रहे हैं. हम भारत में उनका श्रेष्ठ लायेंगे, अपनी शर्तों पर लाएंगे. भारत के श्रेष्ठ संस्थान उनके साथ गठजोड़ करेंगे.

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नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उल्लेख करते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि अब कोई छात्र उच्च शिक्षा के स्तर पर अगर किसी विवशता के कारण पढ़ाई छोड़ता है तब वह बाद में फिर से उसी स्तर से पढ़ाई शुरू कर सकता है, जहां उसने पढाई छोड़ी थी. छात्रों को स्नातक स्तर पर पहले साल के बाद सर्टिफिकेट, दूसरे साल के बाद डिप्लोमा और फिर डिग्री दी जाएगी. इस अवसर पर केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री संजय धोत्रे एवं अन्य अधिकारी मौजूद थे.

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