नई दिल्लीः केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने महिलाओं से आग्रह किया है कि वे अपने कंफर्ट जोन से बाहर निकलें. उन्होंने कहा है कि मैं चाहती हूं कि महिलाएं निर्णय लेने में सक्रिय भागीदारी निभाएं और सामने वाले चुनौतियों को स्वीकार करें.
वित्त मंत्री सीतारमण ने राष्ट्रीय राजधानी के अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में 24 सितबंर को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े संगठन दृष्टि स्थाई प्रबोधन केंद्र द्वारा जारी एक सर्वेक्षण रिपोर्ट 'स्टेट्स ऑफ वूमेन इन इंडिया' पर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया.
कार्यक्रम में वित्त मंत्री ने संबोधित करते हुए कहा कि हम टोकन भागीदारी नहीं चाहते हैं, हम पूरी भागीदारी चाहते हैं. सीतारमण ने कहा कि विभिन्न संस्थानों में महिलाओं को शामिल करने के लिए कानून तो हैं, महिलाओं को भी इसका उपयोग करना चाहिए और चुनौतियों का सामना करना चाहिए.
कार्यक्रम में संबोधित करती वित्त मंत्री वित्त मंत्री ने कहा, वे दिन चले गए जब महिलाएं अवसर पाने के लिए आरक्षण की मांग करती थी. आरक्षण और विशेष कानून उनके लिए ठीक है लेकिन अब उन्हें भी चुनौतियों के लिए तैयार रहना चाहिए. उनको सामने आना चाहिए और अपने लिए बोलना चाहिए.
दृष्टि स्त्री प्रबोधन केंद्र ने 24 सितबंर को 'भारत में महिलाओं की स्थिति' पर एक सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी की. इस रिपोर्ट में कुल 7000 सर्वेक्षकों,ने महिलाओं के सर्वेक्षण पर काम किया. इन सर्वेक्षकों ने देश के 29 राज्य और 5 केंद्र शासित प्रदेशों में सर्वे किया.इन्होंने सर्वें के दौरान कुल 43255 महिलाओं पर सर्वे किया.
पढ़ेंःवित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किया बड़ा ऐलान, घरेलू कंपनियों के लिए कॉर्पोरेट टैक्स घटा
सर्वेक्षण में कुल 727 जिले में 464 जिलों की 18 वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं ने भाग लिया था. यह सर्वेक्षण 2 सालों में किया गया है. सर्वेक्षण का संचालन महिला संगठन दृष्टि स्त्री अध्ययन प्रबोधन केंद्र द्वारा किया गया.