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राफेल: रक्षा मंत्री ने राहुल की 'समझ' पर उठाए सवाल, अवमानना का लगाया आरोप - राफेल डील

रक्षा मंत्री ने कांग्रेस अध्यक्ष पर अदालत की अवमानना का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि राफेल को लेकर राहुल गांधी ने अपनी सभी हदें पार कर दी हैं.

रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण.

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Published : Apr 10, 2019, 5:38 PM IST

Updated : Apr 10, 2019, 6:06 PM IST

नई दिल्ली: रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर अदालत की अवमानना करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि हम सभी जानते हैं कि कांग्रेस अध्यक्ष ने कभी आधा अनुच्छेद भी नहीं पढ़ा होगा, लेकिन ये कहना कि अदालत ने 'चौकीदार चोर है' मान लिया है, ये अदालत की अवमानना है.

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के राफेल डील पर आए ताजा फैसले को लेकर रक्षा मंत्री ने ये बात कही. उन्होंने कहा कि हम अदालत के हर आदेश का पालन करेंगे. रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी के अध्‍यक्ष ने शीर्ष अदालत की अवमानना की है. उन्होंने कहा कि राहुल ने राफेल मामले में सारी हदें पार कर दी हैं.

रक्षा मंत्री ने लगाए कांग्रेस पर आरोप.

रक्षा मंत्रालय ने कहा कि वह इस बात को दोहराते हैं कि राफेल सौदा मामले में याचिकाकर्ता राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित आंतरिक गोपनीय मंत्रणा के अंश चुनकर अधूरी तस्वीर पेश करने के इरादे से कुछ दस्तावेजों का इस्तेमाल कर रहे हैं.

राफेल सौदे पर गोपनीय दस्तावेज मीडिया ने उपलब्ध कराए थे. रक्षा मंत्रालय की आंतरिक रिपोर्ट का हवाला देते हुए एक समाचार पत्र ने अपनी खबर में कहा था कि रक्षा मंत्रालय ने प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा की जा रही समानांतर बातचीत पर आपत्ति जताई थी. संवेदनशील दस्तावेजों का हवाला देते हुए याचिकाकर्ताओं ने मामले में उच्चतम न्यायालय के 14 दिसम्बर के आदेश पर पुनर्विचार किये जाने का आग्रह किया था.

पढ़ें:राफेल मामले में केन्द्र को झटका, मामले की दोबारा होगी सुनवाई

केंद्र सरकार ने अपने दावे में फ्रांस के साथ राफेल लड़ाकू विमान सौदे से जुड़े दस्तावेजों को विशेषाधिकार प्राप्त बताया था और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 123 के अनुसार इन दस्तावेजों को सबूत नहीं माना जा सकता.

रक्षा मंत्रालय ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि याचिकाकर्ताओं द्वारा पेश किए गए दस्तावेजों से यह पता नहीं चलता है कि इस मुद्दे पर सक्षम प्राधिकारियों ने कैसे विचार किया, कैसे समाधान निकाला और कैसे इसे आवश्यक मंजूरी दी गई.

मंत्रालय ने कहा कि याचिकाकर्ताओं के तथ्यों और रिकार्ड का यह चयनित और अधूरा प्रस्तुतीकरण है. उसने कहा कि सरकार ने उच्चतम न्यायालय की इच्छा के मुताबिक अपेक्षित सूचना उपलब्ध कराई थी और अदालत के निर्देश के अनुसार याचिकाकर्ताओं को भी सूचना उपलब्ध कराई गई थी.

Last Updated : Apr 10, 2019, 6:06 PM IST

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