नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्रालय ने निर्भया मामले के दोषियों में से एक मुकेश की दया याचिका राष्ट्रपति के पास भेजी थी, जिसमें मंत्रालय ने याचिका अस्वीकार करने की सिफारिश की थी. सूत्रों से पता चला है कि राष्ट्रपति ने दोषी मुकेश की दया याचिका खारिज कर दी है. राष्ट्रपति भवन ने गृह मंत्रालय को इसकी जानकारी दी है. वहीं तिहाड़ प्रशासन ने चारों दोषियों को एक ही जेल में ले जाकर बंद कर दिया है, जहां फांसी घर भी है.
कड़ी सुरक्षा और सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में होने के बादजूद भी निर्भया के दोषी विनय ने तिहाड़ जेल में फंदा लगाकर आत्महत्या की कोशिश की. जेल सूत्र और विनय के वकील एपी सिंह ने भी यह दावा किया कि घटना बुधवार सुबह की है. हालांकि, तिहाड़ के प्रवक्ता आईजी राज कुमार ने इस मामले से इनकार किया है.
5-6 फीट की ऊंचाई पर ही था फंदा इसलिए बचा
विनय जेल नंबर चार के सिंगल कमरे में बंद था. उसकी कोठरी और शौचालय के बीच सिर्फ एक पर्दा है. शौचालय में लोहे का छोटा सा खूंटीनुमा टुकड़ा लगा है बुधवार सुबह 9:00 से 10:00 के बीच उसने कपड़ों और गमछे से फंदा बनाकर उसमें फंसाया और गले में बांधकर लटकने की कोशिश की. फंदा 5 से 6 फीट की ऊंचाई पर ही होने के कारण वह लटक नहीं पाया.
पत्र लिखकर फांसी की नई तारीख बताने की मांग
बता दें की तिहाड़ जेल प्रसाशन ने भी दिल्ली सरकार को पत्र लिखकर फांसी की नई तारीख बताने की मांग की थी, क्योंकि पटियाला हाउस कोर्ट ने फांसी की तारीख आगे बढ़ाने और दोषियों की दया याचिका पर जेल प्रशासन से शुक्रवार तक रिपोर्ट मांगी है.
चारों एक ही जेल में
निर्भया के हत्यारों की फांसी की तारीख कभी 'हां' कभी 'न' के बीच भले झूल रही हो. तिहाड़ जेल प्रशासन मगर अपनी तैयारियों में जोर-शोर से जुटा है. इन्हीं तैयारियों में अब तक का सबसे महत्वपूर्ण कदम गुरुवार का रहा जब चारों दोषियों को एक साथ जेल नंबर तीन में बंद कर दिया गया. तिहाड़ की यह वही तीन नंबर जेल है, जिसमें फांसी-घर मौजूद है. मतलब तिहाड़ परिसर में मौजूद अलग-अलग जेलों से हटाकर इन चारों दोषी पवन, मुकेश, अक्षय और विनय शर्मा को फांसी घर से चंद फर्लांग की दूरी पर ले जाकर बंद कर दिया गया है. जेल नंबर तीन में एक साथ बंद किए जाने का मतलब यह नहीं है कि, ये चारों अब एक दूसरे के बेहद करीब पहुंच गये हों. इनकी जेल नंबर तो तीन ही है, मगर जेल नंबर तीन में भी इनकी बैरक-वार्ड-सेल अलग-अलग हैं.