सीतामढ़ी : नेपाली सुरक्षा बलों द्वारा हिरासत में लिए गए भारतीय युवक लगन किशोर को रिहा कर दिया गया है. रिहाई के बाद युवक ने कहा कि नेपाली पुलिस ने उसके साथ मारपीट की और राइफल की बट से मारा था. तीन दिन पहले नेपाली पुलिस उसे जबरदस्ती अपने साथ ले गई थी.
लगन किशोर को 12 जून की सुबह नेपाल की सशस्त्र पुलिस बल ने अपने कब्जे में ले लिया था. नेपाल पुलिस द्वारा की गई फायरिंग में तीन लोगों को गोली लगी थी. इसमें एक शख्स की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो अन्य घायल हो गए.
घटना को याद करते हुए लगन किशोर बताते हैं कि गोलीबारी के दौरान वह सीमा के अंदर की तरफ भाग गया था लेकिन नेपाली पुलिस ने उसे राइफल की बट से मारा और उसे घसीटते हुए नेपाल के संग्रामपुर ले गए.
लगन किशोर के मुताबिक उस पर दबाव बनाया गया कि वह उस बात को स्वीकारे कि उसने नेपाल की सीमा में घुसने की कोशिश की थी.
बता दें लगन के बेटे की शादी नेपाल में हुई है 12 जून को उसकी बहू और मां सीतामढ़ी आईं थीं. हालांकि जब वह वापस नेपाल जाने लगी तो उनके रोक दिया गया. इसी बात पर लगन के बेटे और नेपाल पुलिस में कहासुनी हो गई. नेपाल पुलिस ने इस बीच लगन के बेटे को बहुत मारा.
जब यह बात लगन को पता लगी तो वह भी वहां आ गया जिसके बाद उसके साथ भी बदसलूकी की गई.
लगन ने बताया कि कुछ देर बात वहां फायरिंग शुरू हो गई.
लगन किशोर के बेटे ने भी इस घटना को याद करते हुए कहा कि नेपाली कर्मियों ने उन्हें गाली देना शुरू कर दिया और उन्हें और उनके पिता को मारा, जिन्हें बाद में हिरासत में लिया गया था.
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किशोर के बेटे ने कहा सुरक्षाकर्मियों ने मुझे गाली देना शुरू कर दिया, लेकिन मैं उनकी भाषा नहीं समझ सका. हालांकि मेरे भाई की पत्नी ने उन्हें गाली नहीं देने के लिए कहा. उसके बाद वह आए. मैंने अपने पिता को घटना के बारे में बताया और वह उनसे भिड़ गए.