पटना : भारत और नेपाल के बीच रोटी-बेटी के संबंधों पर सियासी तनातनी का असर दिख रहा है. अब नेपाल ने सीमा पर बिहार द्वारा बनाए जा रहे बांध के निर्माण कार्य को जबरन रोक दिया है. नेपाल ने दावा किया है कि निर्माण का कुछ हिस्सा उसके क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र में है.
नेपाली अधिकारियों ने पूर्वी चंपारण के ढाका में बनाए जा रहे नदी के तटबंध को नो मेंस लैंड एरिया बताते हुए बलुआ गुआबारी में जारी तटबंध निर्माण पर रोक लगा दी है. पूर्वी चंपारण के अधिकारियों ने स्थानीय स्तर पर बातचीत कर इस मामले का हल करने की कोशिश की, लेकिन बात नहीं बनी. नेपाल ने दावा किया है कि निर्माण का कुछ हिस्सा उसके क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र में है.
मामले को सुलझाने की कोशिश जारी
पूर्वी चंपारण के डीएम शीर्षत कपिल अशोकने बताया कि नेपाल ने तटबंध के कुछ हिस्से पर आपत्ति जताई गई है. हालांकि तटबंध बनाने का ज्यादातर काम पूरा हो चुका है. लेकिन तटबंध पर गार्डर लगाने से लेकर सड़क बनाने का काम बाकी है. लेकिन बीच में ही नेपाल ने यह काम रूकवा दिया है. इस बारे में डीएम का कहना है राज्य और केंद्र को रिपोर्ट भेजी गई है. दोनों देशों के अधिकारियों के बीच मामले को सुलझाने की कोशिश जारी है.
पहले भी नेपाल के अधिकारियों ने जताई थी आपत्ति
बता दें कि इससे पहले भी साल 2019 में विवाद हुआ था. उस दौरान नेपाल के अधिकारियों ने नेपाल के अधिकारियों ने डीएम को बताया था कि उस स्थल पर ऊंचा बांध निर्माण हो जाने से नेपाल क्षेत्र में पानी का जमाव अधिक हो जाएगा. जिससे, नेपाल के इलाकों में रह रहे लोगों का जीवन अस्त व्यस्त हो जाएगा. हालांकि, डीएम ने नेपाली अधिकारी को नक्सा के माध्यम से स्थिति साफ किया था और आश्वस्त किया था कि वहां का बांध न तो आगे की ओर ले जाया जा रहा है और न ही कुछ नया निर्माण कार्य किया जाएगा, बल्कि क्षतिग्रस्त बांध की मरम्मत की जाएगी.