नई दिल्ली : नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक भारत की जेलों में 2019 में क्षमता से अधिक कैदी भरे रहे. एनसीआरबी रिपोर्ट के मुताबिक देशभर की जेलों की कुल क्षमता 4.03 लाख है, जबकि 2019 में सभी जेलों को मिलाकर 4.78 लाख लोग कैद रहे.
दूसरी ओर, जेलों में 87,599 पद स्वीकृत हैं, लेकिन 31 दिसंबर, 2019 को सभी जेलों को मिलाकर कुल कर्मचारियों की संख्या 60,787 पाई गई. एनसीआरबी रिपोर्ट के मुताबिक 2019 में जेलों की वास्तविक क्षमता बढ़ाकर 4.09 लाख की गई थी.
इससे पहले साल 31 दिसंबर, 2017 में देशभर की जेलों की क्षमता 3.91 लाख थी, जबकि 31 दिसंबर, 2018 में जेलों की क्षमता को बढ़ाकर 3.96 लाख किया गया था.
विभिन्न जेलों में बंद कैदियों की संख्या 2019 में प्रत्येक वर्ष के 31 दिसंबर तक) बढ़कर 4.78 लाख हो गई है. यह संख्या 2018 में 4.66 लाख और 2017 में 4.50 लाख थी.
देश की जेलों की कुल संख्या क्रमशः 2017, 2018 और 2019 के अंत में 1,361, 1,339 और 1,350 थी. आंकड़ों के अनुसार, इस अवधि के दौरान अधिभोग दर क्रमशः 115.1 प्रतिशत, 117.6 प्रतिशत और 118.5 प्रतिशत बढ़ी.
केंद्रीय गृह मंत्रालय के अनुसार, 2019 में 4.78 लाख कैदियों में से, 4.58 लाख पुरुष और 19,913 महिलाएं शामिल थीं.
2019 में देश की कुल 1,350 जेलों में 617 सब जेल, 410 जिला जेल, 144 केंद्रीय जेल, 86 ओपन जेल, 4 विशेष जेल, 31 महिला जेल, 19 बोरस्टल स्कूल और दो अन्य जेल शामिल हैं.
देश की केंद्रीय जेलों में कैदियों की उच्चतम क्षमता (1.77 लाख) और उसके बाद पिछले साल जिला जेल (1.58 लाख) और सब जेल (45,071) हैं.