दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

यूपी के हरदोई का 'अनोखा मानव', जानिए पूरी कहानी - कच्ची सब्जियां और मीट खाने वाला इंसान

यूपी के हरदोई जिला निवासी नाजिर बेग को आज के युग का आदिमानव कहा जाता है. जी हां, नाजिर बेग कच्ची सब्जियां, कच्चा मीट और अण्डे खाकर ही अपना पेट भरते हैं. डॉक्टरों का कहना है कि वह आज के युग का आदिमानव है.

Upright man in up
हरदोई में रहने वाला आदिमानव

By

Published : Nov 2, 2020, 5:55 PM IST

लखनऊ :आपने सुना और पढ़ा होगा किपाषाण काल में आदिमानव कच्चा कंदमूल खाते थे, लेकिन आज के समय में किसी मानव को कच्ची सब्जी और कच्चा मांस खाते नहीं सुना होगा, पर उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में एक मानव ऐसा है, जो बचपन से सिर्फ कच्ची सब्जियां, कच्चा मीट और अण्डा खाकर ही अपना पेट भरता आ रहा है. शाहाबाद तहसील निवासी नाजिर बेग नाम के शख्स ने अपने जीवन में कभी भी पका हुआ खाना नहीं खाया. अब तो डॉक्टरों ने भी इस शख्स को आज के युग का आदिमानव करार दिया है. देखिए ईटीवी भारत की स्पेशल रिपोर्ट...

एक बार की खुराक चार किलो सब्जी
शाहाबाद तहसील के काशीराम कॉलोनी में रहने वाले नाजिर बेग मजदूरी का काम करके अपना और परिवार का भरण-पोषण करते हैं. नाजिर प्रचुर मात्रा में कच्ची सब्जियां जैसे आलू, लौकी, बैंगन, सोया पत्ता और फूल गोभी का ही सेवन करते हैं. नाजिर एक बार में अधिक से अधिक चार किलो तक सब्जियां खा सकते हैं. नाजिर ने बचपन से ही कच्ची सब्जियां खाने की आदत डाली है, उन्हें पकी हुई सब्जियां रास नहीं आतीं.

देखिए आज के युग का 'आदिमानव'

इस बात पर हरदोई के डॉक्टर्स भी हैरान हैं. उनका कहना है नाजिर जानवरों की भांति कच्ची सब्जियां, अण्डों और मांस को खाता है. उनका कहना है कि यह युवक पाषाण काल का नहीं, बल्कि आज के युग का आदिमानव है. आमतौर पर लोग मीट को पका कर और अण्डों को उबाल कर खाते हैं, ताकि आसानी से हजम किया जा सके, लेकिन नाजिर इसे कच्चा ही खा जाते हैं. नाजिर एक बार में आधा किलो मीट और अण्डे की एक पूरी कैरेट खा सकते हैं.

लोग कहते हैं आदिमानव
नाजिर के खाने की मात्रा बहुत अधिक है, जिसे देख लोगों के आश्चर्य की सीमा नहीं रहती. लोगों का कहना है कि कहीं नाजिर के पेट में जानवरों की आहार नाल तो नहीं मौजूद है या फिर कहीं ऐसा तो नहीं कि कुदरत ने इसे आदिकाल के अवशेष के रूप में पैदा किया हो, क्योंकि सभ्यता विकसित होने से पहले लोग इसी प्रकार का कच्चा भोजन कर अपना पेट भरते थे. हालांकि, आज के आधुनिक युग में इस तरह की सभ्यता नहीं है, जिससे नाजिर को लोग आदिमानव व अनोखे मानव के नाम से बुलाते हैं.

जानिए कच्चा भोजन करने की कहानी
नाजिर ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि जब वह दस वर्ष के थे, तब उनके घर वालों ने उन्हें घर से बाहर निकाल दिया था. इसके बाद वह दूसरों के खेत में काम करने लगे और बकरियां चराकर व लकड़ियां आदि की ढुलाई करके अपना गुजारा करते थे. इतना ही नहीं, जब नाजिर को खाने को नहीं मिलता, तो वह दूसरों के खेतों की सब्जियां चुराकर खाने लगे. साथ ही बूचड़ों की दुकान से फेंका गया मीट उठाकर भी खाते थे. तब से आज तक नाजिर ने पका हुआ भोजन नहीं खाया. इसी तरह कच्ची वस्तुएं खाना ही नाजिर की आदतों में शुमार हो गया.

पढ़ें -मध्य प्रदेश : घट रही मदरसों की संख्या, दस फीसदी कम हुए इनरोलमेंट

चिकित्सकों ने नाजिर की इस हरकत पर हैरानी जताई है. डॉ. शाहिद का कहना है कि आमतौर पर लोगों का डाइजेस्टिव सिस्टम इतना मजबूत नहीं होता है. कच्ची सब्जियां खाना कोई बड़ी बात नहीं है, लेकिन मांस व अण्डे खा जाना सही नहीं है. इससे मानव शरीर में हाजमा खराब होने के साथ ही अन्य तमाम तरह की बीमारियों से लोग ग्रसित हो सकते हैं. हालांकि, चिकित्सकों ने भी इस व्यक्ति को आज के युग का आदिमानव बताया है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details