नई दिल्ली: शक्ति की उपासना हिंदू धर्म का मूलाधार है और पूरे समाज में शक्ति का दर्जा देवी दुर्गा को मिला है. शक्ति की देवी, मां दुर्गा की अराधना के पर्व शारदीय नवरात्र की शुरुआत आज यानि रविवार से हो गई है. सारे देश में लोग अलग-अलग ढंग से देवी के त्योहार को मनाते हैं. ये नौ दिन रोमांच और उत्साह से भरपूर्ण होते हैं.
नवरात्र शुरू होने से पहले पित्रपक्ष होता है. इसके चलते हिंदू समाज के लोग नए परिधान और नई चीजें नहीं खरीदते. नवरात्र आते ही लोगों में उत्साह अलग होता है. घरों में शुभ काम, नई चाजे और परिधान लाए जाते हैं. नौ दिनों की शामें घरों में आरतियों और घंटियों की घूंज से सराबोर होती हैं. साथ ही पित्र पूजा खत्म होने के साथ आज के ही दिन से देव पूजा शुरू होती है. लोग घरों से निकल कर मंदिरों के दर्शन करने पहुंचते हैं. देवी मंदिरों में काफी भीड़ देखने को मिलती है.
भारत की चारों दिशाओं में ये त्योहार बड़े ही रोचक ढ़ंग से मनाया जाता है. गुजरात में लोग इस मौके पर हर शाम इक्कठा होकर डांडिया और गरभा खेलते हैं. वहीं पश्चिम बंगाल में लोग माता रानी के अलग रूपों को दिखाने के लिए मुर्तियां और पंडाल लगाते हैं. ये पंडाल माता और महिषासुर के बीच हुए युद्ध को चित्रित करते हैं. वहीं उत्तर भारत में लोग माता की चौकियां लगाते है, वहीं कई लोग घरों में कलश स्थापना करते हैं. देश के कई हिस्सों में लोग उपवास भी रखते हैं.
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नवरात्र शुरू होने से पहले पित्रपक्ष होता है. इसके चलते हिंदू समाज के लोग नए परिधान और नई चीजें नहीं खरीदते. नवरात्र आते ही लोगों में उत्साह अलग होता है. घरों में शुभ काम, नई चाजे और परिधान लाए जाते हैं. नौ दिनों की शामें घरों में आरतियों और घंटियों की घूंज से सराबोर होती हैं. साथ ही पित्र पूजा खत्म होने के साथ आज के ही दिन से देव पूजा शुरू होती है. लोग घरों से निकल कर मंदिरों के दर्शन करने पहुंचते हैं. देवी मंदिरों में काफी भीड़ देखने को मिलती है.