हैदराबाद : कोरोना वायरस से फैली महामारी ने विश्व में नौकरियों के लिए संकट उत्पन्न कर दिया है. लोगों के आय के स्रोत पूरी तरह खत्म हो गए हैं. तो वहीं वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम ने एक अध्ययन में कहा है कि प्राकृति को प्राथमिकता देने से 2030 तक 39.5 करोड़ नौकरियां पैदा हो सकती हैं.
फ्यूचर ऑफ नेचर एंड बिजनेस की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2030 तक 39.5 करोड़ नौकरियों के सृजन के लिए हम प्राकृतिक संसाधनों को सकारात्मक रूप में देख सकते हैं, जिसमें तीन महत्वपूर्ण पारिस्थितिक तंत्रों में मूलभूत परिवर्तन का आह्वान करता है. इसमें भोजन और भूमि उपयोग, ऊर्जा, और बुनियादी ढांचा शामिल है.
द फ्यूचर ऑफ नेचर एंड बिजनेस की रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड -19 एक ऐसी बीमारी है, जो जानवरों से इंसानों में फैल गई है, यह रिमाइंडर है कि प्रकृति से खिलवाड़ स्वास्थ्य और अर्थव्यवस्था पर कितना घातक प्रभाव डाल सकती है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि उद्योगों का ध्यान प्राकृतिक संसाधनो पर है, जिसका अर्थ है कि वे प्रकृति में मूल्य जोड़ सकते हैं. इसके साथ ही वे व्यवसायों को 10.1 ट्रिलियन डॉलर व्यापार के अवसर के रूप में बदलने में मदद कर सकते हैं.