गुजरात : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद गुजरात के केवड़िया में आयोजित होने वाले अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों के 80वें सम्मेलन का उद्घाटन करने पहुंचे. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने केवड़िया में स्टेच्यू ऑफ यूनिटी पर सरदार पटेल को श्रद्धांजलि अर्पित की.
अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन के उद्घाटन के अवसर पर राष्ट्रपति ने जनता को संबोधित किया.
जानें, राष्ट्रपति के संबोधन के कुछ अहम अंशः
- नर्मदा जिले के केवडिया गांव में ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ के निकट टेंट सिटी में 80वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कोविंद ने कहा कि निर्वाचित प्रतिनिधियों द्वारा सदन में असंसदीय भाषा के इस्तेमाल और अनुशासनहीनता से उनका चुनाव करने वाले लोगों की भावनाएं आहत होती हैं.
- यह बहुत प्रसन्नता का विषय है कि अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों का 80वां सम्मेलन, सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा के सान्निध्य में हो रहा है. उनकी यह प्रतिमा, विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा है. यह हम सभी देशवासियों के लिए, गौरव की बात है.
- भारत की संसद ने, जन-भागीदारी को बढ़ावा देने के प्रयासों और स्वस्थ चर्चा को प्रोत्साहित करने वाले निकाय के रूप में, लोगों के हृदय में, विशेष स्थान बनाया है. राज्यों की विधान सभाएं और विधान परिषदें भी, लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं को मुखरित करने का, सशक्त माध्यम बनी हैं.
- वर्ष 1949 में, संविधान सभा में, आज के ही दिन, संविधान के प्रमुख शिल्पी बाबासाहब डॉक्टर बी. आर. आंबेडकर ने कहा था कि संविधान की सफलता, भारत की जनता और राजनीतिक दलों के, आचरण पर निर्भर करेगी.
इससे पहले उपराष्ट्रपति और लोकसभा अध्यक्ष ने 80 वें पीठासीन अधिकारी सम्मेलन के लिए भारत के राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद के गुजरात के केवडिया पहुंचने पर उनका स्वागत किया.
बता दें कि आज से दो दिन का 80वां अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन शुरू हो रहा है. कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित 'विधान मंडलों की संवैधानिक जिम्मेदारी' विषय पर अपना विचार प्रस्तुत करेंगे.
उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू, गुजरात के मुख्यमंत्री और राज्यपाल भी आयोजन स्थल पर पहुंचे.
बता दें कि इस सम्मेलन में भाग लेने के लिए लोकसभा अध्यक्ष मंगलवार की शाम को गुजरात के लिए रवाना हो गए थे.