वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी की जनता से संवाद कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार मां गंगा को अविरल बनाने में काफी हद तक कामयाब रही है.
प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन का मुख्य अंश:
-
मेरा जीवन ऐसा है कि शरीर का कण-कण और समय का पल-पल, उसका पाई-पाई का हिसाब आपके चरणों में रखता हूं. हर-हर महादेव.
-
मेरा कर्तव्य बनता है कि आपसे दूसरे पांच साल मांगूं, उससे पहले पांच साल का हिसाब दूं. लोग 70 साल का नहीं दे रहे हों, ये उनकी मर्जी.
-
फिर एक बार आपका आशीर्वाद लेने आया हूं, आपकी अनुमति हो तो कल मैं नामांकन करूंगा.
-
आप सभी की पूजा करने का, सेवा करने का हर अवसर मेरे लिए सौभाग्य की तरह है.
-
आज मैं काशीवासियों के आशीर्वाद लेते-लेते मां गंगा का आशीर्वाद लेने चला गया.
-
मैं आपको विश्वास दिलात हूं कि ये चौकीदार अपनी निष्ठा और ईमानदारी से कभी नहीं डिगेगा.
-
मैं काशी की मर्यादा नहीं झुकने दूंगा. मैं देश नहीं झुकने दूंगा.
-
बाबा विश्वनाथ की इस नगरी में यहां का हर व्यक्ति मेरे लिए पूजनीय है.
-
जब नीयत साफ होती है तो नियम का भी साथ होता है. नीयत नेक होती है तो नीति भी एक होती है. न भेदभाव होता है, न दोहरा रवैया होता है.
-
न होता है कोई अपना न पराया. बस सबका साथ-सबका विकास होता है.
-
हमारे देश में कोस-कोस पर बदले पानी और चार कोस पर वाणी की कहावत मशहूर रही है.
-
हमारे अध्यात्म और ज्ञान की समृद्ध रखने के लिए भी लिए हम प्रतिबद्ध हैं.
-
अनेकता में यही एकता हमारी संस्कृति की ऊर्जा का स्रोत है.
-
लोगों को आश्चर्य हो रहा था कि ऐसे लोग पद्म पुरस्कार लेने आए थे, जिनके पैरों में फटी हुई चप्पल थी.
-
महामना मालवीय और अटल जी जैसे भक्तों को भारत रत्न देकर सम्मानित करने का सौभाग्य भी हम लोगों को मिला.
-
किन-किन लोगों को पद्म पुरस्कार मिले हैं, ये पूरी दुनिया ने देखा है.
-
वाराणसी की मिट्टी के लोकगायक हीरालाल यादव जी जैसे समर्पित साधकों को पुरस्कार प्राप्त करते जिसने भी देखा, उनकी आंखों में व्यवस्था परिवर्तन का अहसास देखा जा सकता था.
-
इसी तरह पद्म पुरस्कार की कहानी है. ये पुरस्कार पहले भी दिए जाते थे, लेकिन पता भी नहीं चलता था.
-
हमने बहुत बड़ा बदलाव किया. गांव-गांव से नाम मंगाए जिसके परिणामस्वरूप 50 हजार नाम आए.
-
पहले सरकार तक पहुंचना सिर्फ खास लोगों के लिए संभव होता था, आज सामान्य व्यक्ति भी सरकार से सीधे संवाद कर रहा है.
-
आज सामान्य मानवी को विश्वास हुआ है कि मंत्री, सरकार और प्रधानमंत्री तक उसकी पहुंच है.
-
नए भारत में हमने, प्रक्रिया में उलझे परिणामों की स्थिति को बदला है. हमने सामान्य मानवी को ऐसी व्यवस्था देने की कोशिश की है जहां उसको जूझना ना पड़े, उलझना ना पड़े.
-
इसमें सरकारी प्रक्रियाएं भी हैं, भ्रष्टाचार से लड़ाई भी है और कमाई के साधन भी हैं.
-
आत्मविश्वास वो पूंजी होती है जिसके बल से किसी भी चुनौती से पार पाया जा सकता है.
-
गरीबी जैसे अभिशाप से भी बाहर निकलने के लिए भी यही एक तरीका है. नए भारत का आत्मविश्वास विकसित भारत का विश्वास बनेगा.
-
हम परिवर्तन के साथ हर वो काम कर रहे हैं जो देश को सशक्त करे. ऐसे काम भी, जो मेरे विरोधियों को छोटे लगते थे, उन कामों को करने का बीड़ा मैंने उठाया.
-
बीते पांच वर्ष ईमानदारी के प्रयास के थे. आने वाले पांच वर्ष उन प्रयासों को विस्तार देने के होंगे. बीते पांच वर्ष परिवर्तन की शुरुआत के थे. आने वाले पांच वर्ष देश की प्रतिष्ठा के होंगे.
-
हम देश के हर हिस्से, हर वर्ग को मजबूत करने के संकल्प के साथ लगे हैं. बीते पांच वर्ष पुरुषार्थ के थे, आने वाले पांच वर्ष परिणाम के होंगे.
सारनाथ में पिछले पांच साल में हुआ विकासकार्य भी अभूतपूर्व है.
मैंने अपने कार्यकाल के दौरान मैंने काशी के किसानों, बुनकरों और युवाओं के लिए एक ऐसे मॉडल को आत्मसात करने की कोशिश की है जो सर्वसमावेशी, सर्वस्पर्शी, सर्वहितैषी, सर्वसंतोषी और सर्वांगीण हो.
मैंने पहले भी कहा है कि बाबा की इच्छा के बगैर यहां एक पत्ता भी नहीं हिलता. मैं तो निमित्त मात्र हूं.
बाबा विश्वनाथ धाम का काम प्रगति पर है. मंदिर से मां गंगा का दर्शन और गंगा तट से बाबा का दर्शन ईश्वरीय इच्छा रही है.
हर काशीवासी मुझे कहता रहता है कि देवी अहिल्याबाई होल्कर के बाद पहली बार किसी ने इस परिसर के बारे में सोचा है.
गंगा जी में मिलने वाले अनेक नालों को बंद किया जा चुका है.
प्रवासी सम्मेलन के दौरान यहां आए सैकड़ों भारतवंशियों ने गंगाजल से जैसे आचमन किया, उससे साफ है कि गंगा की सफाई को लेकर अब सारे सवाल धुल रहे हैं.
हमारी विरासत, हमारी आस्था के प्रतीक बाबा विश्वनाथ और गंगा मां की सेवा का अवसर मिलना वाकई सौभाग्य है.
मां गंगा को निर्मल और अविरल बनाने की दिशा में भी हम काफी आगे बढ़ गए हैं.
गंगा जी पर देश का पहला जलमार्ग बनना, वाराणसी में क्रूज जहाजों का चलना ये हमारे पर्यटन और व्यापार के अच्छे संकेत हैं.
मां गंगा के ईमानदार सेवक हमारे मल्लाह साथियों को इसका लाभ मिलना निश्चित है.
कनेक्टिविटी को लेकर तो हमारे विरोधी भी हमारा लोहा मानते हैं. रोडवेज से लेकर एयरवेज तक पूरे देश में अभूतपूर्व काम हो रहा है जिसकी झलक काशी में भी दिखती है.
अब काशी स्वास्थ्य सुविधाओं का भी बड़ा केंद्र बन रही है. देश के सबसे आधुनिक कैंसर अस्पतालों में से एक अस्पताल अब हमारे काशी में है. अन्य बीमारियों के इलाज के लिए भी अस्पताल बने हैं.
बाबतपुर एयरपोर्ट से शहर तक की जिस सड़क की मैंने चर्चा की थी, आज वही सड़क आज बनारस की नई पहचान बन गई है.
यहां रेलवे स्टेशनों और सड़कों को सुधारा गया है. लटके तार गायब हो रहे हैं और गंगा घाट में भी अलग ही रौनक है.
आज मैं कह सकता हूं कि हम सभी के सामूहिक प्रयास और बाबा के आशीर्वाद से काशी के बदलाव को काशीवासियों समेत पूरा देश अनुभव कर रहा है.
सही कहूं तो 17 मई 2014 को गंगा तट पर कुछ संकल्प मैं ले रहा था तो मन में ये सवाल जरूर था कि काशी की उम्मीद पर खरा उतर पाउंगा क्या?
जब मैं बहुत पहले काशी आया था तो उस समय एयरपोर्ट से शहर तक आने वाले रास्ते को देखकर बहुत पीड़ा हुई थी.
शहर में पहुंचा तो बार-बार बिजली के लटकते तारों से सामना हुआ. मन में विचार उठा यहां गंदगी के ढरे क्यों हैं.
काशी के विकास को लेकर हम जिस दिशा में बढ़ रहे हैं उसके तीन पहलू हैं. एक आध्यात्मिक, दूसरा व्यवहारिक और तीसरा मानवीय. ये अलग-अलग भी हैं और एक दूसरे से जुड़े भी हैं.
जो सपना मन में है वो पूरा हो गया ऐसा मैं कभी दवा नहीं करता हूं, लेकिन उस सपने को पूरा करने की दिशा में हमारा रास्ता और रफ़्तार सही है ये मैं ज़रूर कह सकता हूं.
मैं मानता हूं कि इस समय भारत भी तपस्या के दौर में है. वो खुद को साध रहा है और इस साधना में हम सब एक सेवक हैं, साधक हैं.
समर्थ, सम्पन्न और सुखी भारत के लिए विकास के साथ-साथ सुरक्षा अहम है. मेरा ये मत रहा है कि परिवर्तन तभी सार्थक और स्थायी होता है, जब जन-मन बदलता है.
इस जन-मन को साधने के लिए तपस्या करनी पड़ती है:
काशी ने मुझे सिर्फ एमपी नहीं पीएम बनने का आशीर्वाद दिया। मुझे 130 करोड़ भारतीयों के विश्वास की ताकत दी
ये मेरा सौभाग्य है कि काशी कि वेद परंपरा को ज्ञान के विश्लेषण व तार्किक अनुभवों से जुड़ सका
5 वर्ष पहले जब काशी की धरती पर मैंने कदम रखा, तब मैंने कहा था कि मां गंगा ने मुझे बुलाया है.
मैया ने ऐसा दुलार दिया, काशी के बहन-भाइयों ने इतना प्यार दिया कि बनारस के फक्कड़पन में ये फकीर भी रम गया. ये भी पढ़ें: वाराणसी में रोड शो के बाद भव्य गंगा आरती के साथ खत्म हुआ PM मोदी का पहला दिन, कल नामांकन
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज काशी हिंदू विश्वविद्यालय से शुरू कर गंगा किनारे दशाश्वमेध घाट तक रोड शो किया. इसके बाद वे भव्य गंगा आरती में भी शामिल हुए.