मोदी और शी शनिवार सुबह आमने-सामने की बातचीत करेंगे, जिसके बाद प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता होगी. इसके बाद दोनों पक्ष शिखर वार्ता के परिणाम पर अलग-अलग बयान जारी करेंगे.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने अपनी पहचान गोपनीय रखने की शर्त पर कहा, 'दोनों पक्ष जानते हैं कि इन संबंधों पर काफी कुछ टिका है और यह इस बात से पता चलता है कि शिखर वार्ता के स्थगित होने को लेकर हालिया सप्ताह में लगाई गई अटकलों के बावजूद यह वार्ता पूर्व निर्धारित समय पर ही हुई.'
भारत में चीनी राजदूत सुन वीदोंग ने कहा कि अनौपचारिक शिखर वार्ता से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों के विकास की दिशा पर दिशानिर्देशक सिद्धांत समेत नयी आम-सहमतियां उभर सकती हैं.
दोनों पक्षों के अधिकारियों ने कहा कि दोनों नेता व्यापार संबंधों के विस्तार के तरीकों पर चर्चा कर सकते हैं.
उन्होंने कहा कि करीब 3500 किलोमीटर लंबी चीन-भारत सीमा पर अमन-चैन बनाये रखने, दोनों देशों की सेनाओं के बीच सहयोग बढ़ाने, आतंकवाद के खिलाफ सहयोग एवं व्यापार को बढ़ावा देने के तरीकों पर ध्यान दिया जा सकता है.
दोनों नेताओं की पहली अनौपचारिक शिखर वार्ता अप्रैल 2018 में चीन के शहर वुहान में हुई थी. इससे कुछ महीने पहले ही दोनों देशों की सेनाओं के बीच डोकलाम में गतिरोध की स्थिति रही थी.
सामरिक मामलों के विशेषज्ञ अशोक कंठ के अनुसार शुक्रवार और शनिवार को शिखर वार्ता में विवादास्पद मुद्दों से आगे बढ़ने तथा कश्मीर मामले से दोनों देशों के संबंधों पर प्रतिकूल असर नहीं पड़ने देने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा.
(पीटीआई इनपुट)