नई दिल्ली : नगा समूहों के प्रतिनिधि मंडल ने गुरुवार को प्रधानमंत्री मोदी से अलग ध्वज और संविधान की मान्यता के लिए अपनी मांग दोहराई है. इसके लिए नगा समूहों ने पीएम मोदी का एक ज्ञापन भी सौंपा है.
नगा मदर्स एसोसिएशन और ग्लोबल नगा फोरम के सदस्यों ने संयुक्त रूप से प्रधानमंत्री मोदी को अपनी मांग के समर्थन में एक ज्ञापन सौंपा है.
नगा मदर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अबेयू मेरू ने कहा कि भारत और नगा राजनीतिक समूहों (NNPGS) के बीच चल रही राजनीतिक वार्ता से नगाओं को निपटारे का इंतजार है.
मेरु ने कहा कि अतीत के विभिन्न प्रयासों, समझौतों और व्यवस्थाओं के माध्यम से शांति स्थापित करने के असफल प्रयास हमें हतोत्साहित नहीं करते हैं. हालांकि, यह स्पष्ट रूप से इंगित करता है कि इससे सरकार और नगाओं दोनों को कोई फायदा नहीं हुआ है.
नगा नेताओं सन्निहित पारंपरिक मातृभूमि के एकीकरण की भी मांग की. नगा नेताओं ने कहा कि नागों के अधिकारों और इतिहास की मान्यता नगालैंड, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश, असम और म्यांमार में होनी चाहिए.
नगा ध्वज के मुद्दे का जिक्र करते हुए नेताओं ने कहा कि यह सिर्फ प्रतीकवाद नहीं है, बल्कि एक ऐसा बैनर है, जो सभी चीजों से ऊपर उठ कर नगा लोगों को एकजुट करता है.
नेताओं ने कहा कि यह नगा पहचान और संघर्ष के हमारे लंबे इतिहास का एक हिस्सा है. नगा ध्वज के लिए हजारों लोगों ने अपनी जान दी है. हम मांग करते हैं कि हमारे नगा ध्वज को मान्यता दी जाए.