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मुनस्यारी-मिलम-दुंग पैदल मार्ग खस्ताहाल, बल्लियों पर चलकर गश्त करने जा रहे जवान

चीन सीमा को जोड़ने वाले मुनस्यारी-मिलम-दुंग पैदल मार्ग की हालत खराब है. इस मार्ग पर बर्फबारी के चलते कुल पांच पुल पहले से ही ध्वस्त पड़े हैं, जिस कारण सीमा पर तैनात सुरक्षा बलों को तख्ते और बल्लियों के सहारे उफनते हुए नालों को पार करना पड़ रहा है.

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Published : Jun 15, 2020, 12:09 AM IST

Updated : Jun 15, 2020, 12:42 PM IST

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सांकेतिक चित्र

देहरादून : चीन सीमा को जोड़ने वाले मुनस्यारी-मिलम-दुंग पैदल मार्ग की हालत खराब है. इस मार्ग पर पांच स्थानों पर अस्थाई पुल पहले से ही ध्वस्त पड़े हैं, जिस कारण आर्मी की सप्लाई रुकी हुई है. यही नहीं सीमा पर तैनात जवानों को गश्त पर जाने के लिए यहां उफनते नालों को पार करना पड़ता है.

माइग्रेशन करने वाले लोग भी रास्ता खराब होने के कारण गांव को नहीं लौट पा रहे हैं. इस मार्ग के रखरखाव का जिम्मा लोक निर्माण विभाग के पास है. विभाग ने मार्ग और पुलों के निर्माण के लिए 34 लाख का प्रस्ताव शासन को भेजा है, लेकिन अभी तक विभाग को कोई धनराशि नही मिल पाई है.

सामरिक नजरिये से महत्वपूर्ण मुनस्यारी-मिलम-दुंग पैदल मार्ग भारी बर्फबारी के बाद से ही खस्ताहाल पड़ा है. इस मार्ग पर बर्फबारी के चलते कुल पांच पुल पहले से ही ध्वस्त पड़े हैं, जिस कारण सीमा पर तैनात सुरक्षा बलों को तख्ते और बल्लियों के सहारे उफनते हुए नालों को पार करना पड़ रहा है.

मुनस्यारी से मिलम तक 58 किलोमीटर मार्ग में चार पुल ध्वस्त पड़े हैं. पुमदेयो, रेलकोट, लासपा और गोखागाड़ में बने पुल जमीदोंज होने से जवानों को चीन सीमा तक पहुंचने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है.

वहीं मिलम से चीन सीमा की अंतिम चौकी दुंग तक पहुंचने के लिए नौ किलोमीटर का पैदल मार्ग पार करना होता है. लगातार ग्लेशियर पिघलने से यह मार्ग अकसर बन्द रहता है. इस मार्ग पर सम गांव के पास पुल ध्वस्त होने से आर्मी की अंतिम चौकी के लिए सप्लाई रुकी हुई है.

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Last Updated : Jun 15, 2020, 12:42 PM IST

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