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टीआरपी घोटाला : हंसा का पूर्व कर्मचारी उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार

टीआरपी रैकेट के मामले में क्राइम ब्रांच के बाद अब मुंबई पुलिस की ईओडब्ल्यू यानी आर्थिक अपराध शाखा भी एक निजी न्यूज चैनल की वित्तीय अनियमितताओं की जांच कर रही हैं . वहीं क्राइम ब्रांच की टीम ने पांचवें आरोपी हंसा रिसर्च ग्रुप कंपनी के पूर्व कर्मचारी विनय त्रिपाठी को यूपी के मिर्जापुर से गिरफ्तार किया हैं.

5 वां आरोपी गिरफ्तार
5 वां आरोपी गिरफ्तार

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Published : Oct 13, 2020, 1:47 PM IST

मुंबई: मुंबई क्राइम ब्रांच ने टीआरपी घोटाले मामले में एक युवक को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तारी के बाद क्राइम ब्रांच युवक को ट्रांजिट रिमांड पर मुंबई ले जाएगी. सूत्रों के मुताबिक गिरफ्तार युवक टीआरपी की मशीनों से छेड़खानी करता था.

मुंबई में दर्ज टीआरपी केस में सोमवार देर शाम मुंबई पुलिस ने मिर्जापुर जिले के कछवा थाना के तुलापुर गांव से एक विनय त्रिपाठी नाम के युवक को स्थानीय पुलिस के सहयोग से गिरफ्तार किया है. मुंबई पुलिस ने तुलापुर गांव से जिस विनय तिवारी को गिरफ्तार किया है वो ऑपरेटर है. जिस पर आरोप है कि वो टीआरपी की मशीनों से छेड़छाड़ करता था.

विनय घरों में सैट टॉप बॉक्स में बैरोमीटर लगाकर एक ही चैनल देखने के लिए बोलता था. इसके बदले लोगों को पैसा भी देता था. विनय तिवारी को पुलिस ने कछवा थाने में बंद किया है. विनय का कहना है कि जून में मुंबई से वो वापस अपने घर आया था. तभी से घर पर रह रहा था. विनय तिवारी का कहना है कि वह बेकसूर है.

बता दें कि मुंबई पुलिस ने टेलीविजन रेटिंग पॉइंट (टीआरपी) से छेड़छाड़ करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया था. पुलिस ने कहा था कि इस मामले के संबंध में दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है. टीआरपी के आधार पर यह फैसला किया जाता है कि कौन सा टीवी कार्यक्रम सबसे ज्यादा देखा गया. यह दर्शकों की पसंद और किसी चैनल की लोकप्रियता भी इंगित करता है. मुंबई पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि एक राष्ट्रीय टीवी चैनल भी टीआरपी गिरोह में शामिल है. इस चैनल द्वारा सुशांत सिंह राजपूत के मामले में मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र सरकार की आलोचना की गई थी.

टीआरपी रेटिंग्स के फिक्सिंग के पिछले मामले

मध्य प्रदेश : 2018 में ग्वालियर में सात के खिलाफ मामला दर्ज किया गया, जिनमें से तीन को अवैध रूप से एक विशेष हिंदी समाचार चैनल की टीआरपी रेटिंग्स फिक्स करने के मामले में गिरफ्तार किया गया. इस घोटाले में शामिल लोगों ने कई घरों में टीआरपी (टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट) मीटर लगाए थे और उन्हें केवल एक हिंदी समाचार चैनल देखने के लिए पैसे की पेशकश भी की. इसके पीछे का मकसद धोखाधड़ी करके चैनल की टीआरपी रेटिंग को बढ़ाना था.

कर्नाटक : साइबर क्राइम पुलिस ने एक मामले में टीवी सीरियल समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया. यह लोग कुछ खास कार्यक्रमों में टीआरपी को अवैध रूप से बढ़ाते थे, जिससे विज्ञापनदाताओं को बड़ा नुकसान होता था.मामले में टीवी सीरियल निर्माता राजू, सुरेश, जेम्सी और सुभाष आरोपी हैं, यह सभी लोग बेंगलुरू, मधु और मैसूर के निवासी हैं.

2011 में टीआरपी रेटिंग्स के हेरफेर पर GOVT पैनल फाइंडिंग

  • टीवी रेटिंग्स भरोसेमंद हैं या नहीं, इसकी जांच के लिए सरकार द्वारा गठित विशेष समिति ने सरकार और उद्योग से आग्रह किया है कि वे हेरफेर करने को लेकर इस्तेमाल घरों की संख्या में तुरंत वृद्धि करें.
  • एफआईसीसीआई के महासचिव अमित मित्रा की अध्यक्षता वाली समिति ने इंडस्ट्री में कथित खराबी के बारे में चिंता व्यक्त की और टीवी दर्शकों की संख्या को मापने के लिए एक विशेष उद्योग निकाय के संचालन के लिए कहा.
  • टीवी रेटिंग, जो मापती है कि दर्शकों के किस अनुपात में किसी विशेष कार्यक्रम या चैनल को देखा जाता है, मुख्य रूप से अमेरिका के एसी नील्सन की सहायक कंपनी टैम मीडिया रिसर्च द्वारा किया जा रहा है.
  • समिति ने उल्लेख किया कि लगभग 9,000 करोड़ रुपये का वार्षिक टीवी विज्ञापन खर्च लगभग पूरी तरह से TAM द्वारा अध्ययन किए गए लगभग 8,100 परिवारों की देखने की वरीयताओं पर आधारित है.
  • एजेंसी के सर्वश्रेष्ठ प्रयासों के बावजूद, ऐसी रिपोर्टें हैं कि चैनल-मालिक उन परिवारों की सूची प्राप्त करने में सक्षम हैं, जहां निगरानी उपकरण स्थापित है, जिससे कदाचार की खबरें आती हैं.

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