दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

मोदी सरकार में 'रीथिंक' नहीं होता और 370 पर भी नहीं होगा: नकवी - Ministry of Minority Affairs

अनुच्छेद 370 पर केंद्र के फैसले का एक तरफ समर्थन हो रहा तो दूसरी तरफ विरोध भी हो रहा है. केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने इसपर बातचीत की. उन्होंने कहा, केंद्र के निर्णय पर पुनर्विचार नहीं होगा क्योंकि केंद्र का निर्णय सोचा समझा हुआ है. पढ़ें पूरी खबर...

मुख्तार अब्बास नकवी

By

Published : Aug 25, 2019, 2:58 PM IST

Updated : Sep 28, 2019, 5:26 AM IST

नई दिल्लीः जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान हटाने के सरकार के फैसले को सत्तापक्ष ऐतिहासिक बता रहा है तो ज्यादातर विपक्षी दल इस पर सवाल खड़े कर रहे हैं.

इस विषय पर केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने मीडिया से बातचीत की.

अनुच्छेद 370 पर सरकार के फैसले को लेकर विपक्ष की ओर से सवाल खड़े हो रहे सवालो को लेकर उन्होंने कहा, इस अनुच्छेद ने जम्मू-कश्मीर को कुछ नहीं दिया है. जो लोग विरोध कर रहे हैं वो राजनीतिक पूर्वाग्रह के कारण ऐसा कर रहे हैं. लेकिन जो भी लोग कश्मीर और उसकी जमीनी हकीकत जानते हैं और राजनीतिक पूर्वाग्रह से ऊपर उठकर सोचते हैं वो 370 को हटाने के कदम का समर्थन कर रहे हैं.

370 पर फैसले को लेकर कश्मीर घाटी के लोगों के समर्थन पर नकवी ने कहा, निश्चित तौर पर सबका समर्थन है. अनुच्छेद 370 को हटाए कई दिन बीत गए, लेकिन एक गोली नहीं चली. अगर कोई विद्रोह होता तो लोग कर्फ्यू के बाद भी सड़कों पर आ जाते. ऐसा नहीं हुआ क्योंकि लोगों को पता है कि अनुच्छेद 370 से उन्हें कोई, एक भी फायदा नहीं हुआ है.

लोगों के समर्थन बावजूद सुरक्षा से जुड़ी सख्त पाबंदियां लगाई गई हैं. जिसपर नकवी कहते हैं, ये कदम मुट्ठी भर अलगाववादियों के लिए है. वे आम लोगों को गुमराह करना चाहते हैं. सुरक्षा से जुड़े कदम उठाए गए हैं ताकि अलगाववादी लोगों को गुमराह नहीं कर सकें. यह एक जिम्मेदार सरकार का काम है कि वह दुष्प्रचार अभियान को रोके.

370 के फैसले पर पुनर्विचार की बात कई लोगो ने कही है, जिसकी गुंजाइश को लेकर नकवी ने कहा, एक चीज स्पष्ट है कि 370 हट गया है. अब 370 वापस नहीं आने वाला है क्योंकि यह मोदी सरकार है. हर कोई जानता है कि यह सरकार सबकुछ सोचकर निर्णय करती है और इसमें फैसला होने के बाद रीथिंक (पुनर्विचार) नहीं होता है.

पढ़ें-राजनीति के अरुण को राजनेताओं ने दी श्रद्धांजलि

अब जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लिए अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की योजनाओं के बारे में जानकारी देते हुए नकवी ने कहा, अनुच्छेद 370 के कारण शिक्षा, रोजगार, मानवाधिकार, अल्पसंख्यक और बाल अधिकार तथा अन्य विषयों से जुड़े 100 से अधिक कानून लागू नहीं थे. अब हम इन हिस्सों पर विशेष ध्यान देंगे. स्कूल, कॉलेज, कौशल विकास केंद्र, छात्रावास का निर्माण करेंगे. विकास परियोजनाओं का तेजी से क्रियान्वयन होगा.

गौरतलब है कि, अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों के हटाए जाने के बाद अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम इस सप्ताह कश्मीर घाटी का दो दिवसीय दौरा करेगी. दौरे में टीम उन इलाकों की पहचान करेगी जहां अल्पसंख्यकों से जुड़ी केंद्रीय योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाना है.

नकवी ने मीडिया से बातचीत में कहा, हम जम्मू-कश्मीर और लद्दाख पर विशेष ध्यान दे रहे हैं. मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम 27-28 अगस्त को कश्मीर जा रही है. वह राज्य में सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक विकास की संभावनाओं को देखेगी.

उन्होंने यह भी बताया कि यह टीम बाद में जम्मू और लद्दाख का भी दौरा करेगी. इस टीम में मंत्रालय के सचिव, संयुक्त सचिव और दूसरे वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे.

उन्होंने यह भी बताया कि समूचे जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में 'प्रधानमंत्री जनविकास कार्यक्रम' के तहत विकास कार्य शुरू किए जाएंगे. राज्य के लोगों के अधिकारों और संस्कृति की सुरक्षा की जाएगी.

गौरतलब है कि मंत्रालय की यह पहल इस मायने में महत्वपूर्ण है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख अल्पसंख्यक बहुल हैं. कश्मीर मुस्लिम बहुल है तो लद्दाख में भी मुस्लिम और बौद्ध आबादी बहुसंख्यक है. जम्मू क्षेत्र में मुस्लिम समुदाय की अच्छी-खासी आबादी है और वहां सिख समुदाय के लोग भी रहते हैं.

Last Updated : Sep 28, 2019, 5:26 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details