दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

मदर्स डे स्पेशल : 'दुनिया में सब कुछ थम सकता है लेकिन मां का प्रेम कभी नहीं...'

मई माह के दूसरे रविवार को विश्वभर में 'मदर्स डे' मनाया जाता है. इस साल हम सभी आज यानी 10 मई को यह दिन मना रहे हैं. आज के दिन लोग अपनी मां के लिए खास संदेश देते हैं, उन्हें तोहफे देते हैं और भी कई अलग-अलग ढ़गों से अपनी प्यार जताते हैं. आइए, आज इस खास दिन के बारे में कुछ खास बातें जानते हैं...

mothers day 2020 special
मदर्स डे

By

Published : May 10, 2020, 7:07 AM IST

Updated : May 10, 2020, 8:19 AM IST

हैदराबाद : मई माह के दूसरे रविवार को विश्वभर में 'मदर्स डे' मनाया जाता है. इस साल हम सभी आज यानी 10 मई को यह दिन मना रहे हैं. आज के दिन लोग अपनी मां के लिए खास संदेश देते हैं, उन्हें तोहफे देते हैं और भी कई अलग-अलग ढ़गों से अपना प्यार जताते हैं. आइए, आज इस खास दिन के बारे में कुछ खास बातें जानते हैं...

पहला 'मदर्स डे'

मदर्स डे की संस्थापक एन्ना जार्विस (Anna Jarvis) को माना जाता है. उन्होंने अपनी मां को सम्मान देने के लिए इसका आयोजन किया था. एन्ना जार्विस (Anna Jarvis) के अथक प्रयासों के बाद नौ मई, 1914 को संयुक्त राज्य अमेरिका के 28वें राष्ट्रपति थॉमस वुड्रो विल्सन (Thomas Woodrow Wilson) ने एक उद्घोषणा पर हस्ताक्षर किए.

संयुक्त राज्य अमेरिका ने तब मई के दूसरे रविवार को मां के प्रति प्रेम की सार्वजनिक अभिव्यक्ति और श्रद्धा के भाव को व्यक्त करने के लिए राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया.

इसके बाद एन्ना जार्विस (Anna Jarvis) को यह महसूस हुआ कि मदर्स डे को लोग अपने व्यापारिक हित के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं और इसके बाद उन्होंने इसके खिलाफ एक आंदोलन का नेतृत्व किया.

कोरोना संकट और मां

एक मां का प्रेम उसके बच्चों के लिए उस तावीज (शुभंकर) की तरह होता है, जो उनके जीवन में खुशियां ही खुशियां भर देता है और उसे एक उत्सव की तरह बना देता है.

किसी का भी प्यार मां की आंखों के स्नेह और प्यार के आगे फीका और कम है. एक मां अपने परिवार की देखभाल के बीच आने वाली हर बाधा को हरा सकती है.

आज की बात करें तो लॉकडाउन के दौरान सभी का जीवन बदल गया है, लेकिन वह सिर्फ मां ही है.. जिसके जीवन में अब भी कोई बदलाव नहीं आया है.

लॉकडाउन के दौरान यह घटनाएं बनीं मां के प्यार की गवाह

10 अप्रैल, 2020 :

मां ने अपने बेटे को घर लाने के लिए स्कूटी से किया 1,400 किमी का सफर

हैदराबाद में रहने वाली एक मां का दिल उस वक्त बैचेन हो गया, जब लॉकडाउन की वजह से उनका बेटा आंध प्रदेश में फंस गया. स्कूल में पढ़ाने वाली टीचर रजिया बेगम लॉकडाउन के नियमों को ध्यान में रखते हुए पुलिस से अनुमति पत्र लेकर बेटे को घर लाने के लिए रवाना हो गईं. हालांकि, इस दौरान उन्हें कई जगहों पर रोका भी गया लेकिन वह अधिकारियों को अपनी मजबूरी समझाने में कामयाब रहीं.

दरअसल, लॉकडाउन के चलते रजिया बेगम का बेटा निजामुद्दीन, आंध्र प्रदेश के नेल्लोर शहर में फंस गया था. बस इसके बाद मां ने उठाई अपनी स्कूटी और बेटे को वापस लाने रवाना हो गईं.

निजामुद्दीन डॉक्टर बनना चाहता है और इसके लिए वह आंध्र में पढ़ाई कर रहा था. लेकिन लॉकडाउन के कारण लागू पाबंदियों की वजह से वह घर नहीं आ सकता था.

इसके बाद जब रजिया बेगम अपने बेटे के साथ वापस हैदराबाद आईं तो उन्होंने हैदराबाद के ही एक कोचिंग सेंटर में अपने बेटे का दाखिला करा दिया.

25 अप्रैल, 2020 :

डर को हराकर 86 वर्षीय मां ने अपने विश्वास से जीती जिंदगी की जंग

पाली में रहने वाली गोदावरी कांकणी माहिम के एस एल रहेजा अस्पताल में 17 दिनों तक भर्ती रहीं, जिनमें से 12 दिन उन्होंने आईसीयू में गुजारे और इसके बाद वह पूरी तरह ठीक होकर अपने घर लौटीं. गोदावरी कोविड-19 संक्रमित थीं.

यह घटना इसलिए भी अहम है क्योंकि अपने परिवार से सिर्फ गोदावरी ही नहीं बल्कि उनके बड़े बेटे हरीश और उनकी पत्नी भी उसी अस्पताल में भर्ती थे और यह दोनों भी कोरोना संक्रमित ही थे.

सबसे पहले तीन अप्रैल को तेज बुखार के चलते हरीश को अस्पताल में भर्ती कराया गया. इसके बाद उनके परिवार के अन्य सदस्यों का भी कोरोना टेस्ट कराया गया. बाद में गोदावरी की बहु और उन्हें भी अस्पताल में भर्ती करा दिया गया.

इस बारे में गोदावरी के बेटे हरीश का कहना है कि मेरी मां कभी भी अपने परिवार के बिना नहीं रहीं और अस्पताल में उन्हें यहीं चिंता खाए जा रही थी क्योंकि उस वक्त वहां उन्हें किसी से मिलने नहीं दिया जा रहा था. लेकिन आईसीयू में अस्पताल के कर्मचारियों से लेकर वहां के डॉक्टर भी मेरी मां के साथ रहे.

9 अप्रैल, 2020 :

रोती हुई बेटी को अस्पताल के बाहर देखते हुए कर्नाटक नर्स टूट गई

आज कोरोना महामारी में स्वास्थ्य कर्मचारी और उनके परिवार वाले इससे लड़ाई लड़ रहे हैं. बेंगलुरु में एक छोटी सी मासूम बच्ची अपने पिता के साथ मोटरसाइकिल पर बैठकर उस वक्त रोने लगी, जब उसकी मां उत्तर कर्नाटक के बेलगावी में एक अस्पताल के अंदर खड़ी थी.

दरअसल, उसकी मां एक नर्स हैं, जो कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ जंग में सबसे अहम भूमिका निभा रहीं हैं और इस वजह से उन्हें 15 दिनों तक घर जाने नहीं दिया जाता और न उनके परिवार से मिलने दिया जाता है.

इस नाजुक घड़ी में न बच्ची खुद को रोक सकी और न ही उसकी मां... लेकिन मां अपने आंसुओं को छुपाते हुए दूसरी और मुड़ी और अपनी बच्ची और पति को अलविदा कहकर अस्पताल के अंदर चली गई. इसके बाद उस मासूम बच्ची को 21 दिन बाद अपनी मां से मिलने का मौका मिला.

13 अप्रैल, 2020 :

कोविड-19 की जंग में अपने एक माह के बच्चे के साथ आईएएस अधिकारी ने ज्वाइन की ड्यूटी

आईएएस अधिकारी जी श्रीजना, जो अपने प्रसव से ठीक पहले कार्यालय में काम कर रही थीं, अब एक बेटे को जन्म देने के 22 दिनों के बाद ड्यूटी पर लौट आईं हैं. उनके जज्बे को ईटीवी भारत सलाम करता है.

कोरोना के बीच कैसे मनाएं मदर्स डे

  • अगर आप अपने परिवार के साथ नहीं हैं तो अपनी मां को वीडियो कॉल करें.
  • आप उन्हें पत्र लिखकर आपनी भावनाएं व्यक्त कर सकते हैं.
  • अपने हाथ से उनके लिए तोहफे बनाएं, ऐसे सामानों से जो घर में आसानी से मिल सकें.
  • मदर्स डे पर खुद मां के लिए खाना बनाएं.

यहां हमने आपको कोरोना महामारी के दौरान मां की शक्ति सहित इस समय में बरतने वाली सावधानियों और मदर्स डे कैसे मनाएं, यह सब बताया.. अब बात करते हैं कुछ ऐसे प्रसिद्ध उद्धरण की, जिनमें मां के प्यार, त्याग और बलिदान को कहने की एक छोटी सी कोशिश की गई है.

जब एक मां घर पर होती है, तो बच्चों के लिए अवसरों की एक पूरी दुनिया खुल जाती है.. उन्हें टेबल पर उनका पसंदीदा खाना मिलता है, मां बच्चों को पढ़ाई, शिल्प से लेकर नई-नई कलाएं सीखने में भी मदद करती है.

मां बच्चों को पढ़ाई कराती है, उन्हें कहानियां सुनाती है और तो और उनके साथ बैठकर फिल्म भी देखती है. लेकिन इस वक्त जारी लॉकडाउन में हर मां का काम और बढ़ गया है. आज वह घर और काम दोनों को संतुलित करने के लिए एक रोलर कोस्टर पर सवार हैं.

आज की मां को सुपरमॉम कहा जाता है क्योंकि आज वह घर और काम दोनों को एक साथ बखूबी संभाल रही हैं. इसलिए यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि इस दुनिया में सब कुछ थम सकता है लेकिन एक मां का प्रेम कभी नहीं ठहरता, अपने बच्चे के लिए वह सदा बढ़ता ही जाता है.

पढ़ें मां पर लिखे और कहे गए कुछ प्रसिद्ध उद्धरण...

  • 'मातृत्व की स्वाभाविक स्थिति निःस्वार्थता है. जब आप एक मां बनती हैं, तो आप अपने स्वयं के ब्रह्मांड केंद्र में नहीं रह जाती. आप उस स्थिति को अपने बच्चों के लिए त्याग देती हैं.'

- जेसिका लैंगे (Jessica Lange)

  • 'मां वह होती है, जो आपके दिल को सबसे पहले भर देती है.'

- एमी टैन (Amy Tan)

  • 'एक मां बिना देखे भी यह जान लेती है कि उसके बच्चे को क्या हुआ है.'

- प्रमोद्य अनंता तोर (Pramoedya Ananta Toer)

  • 'मां की बाहें सबसे ज्यादा आरामदायक होती हैं.'

- राजकुमारी डायना (Princess Diana)

  • 'जीवन की शुरूआत जागने और मेरी मां के चेहरे से प्यार करने से शुरू होता है.'

- जॉर्ज एलियट (George Eliot)

  • 'मां : जहां से हर प्यार शुरू और खत्म होता है.'

- रॉबर्ट ब्राउनिंग (Robert Browning)

  • 'भगवान हर जगह नहीं हो सकता और इसलिए उसने मां बनाई.'

- रूडयार्ड किपलिंग (Rudyard Kipling)

  • 'सच्चाई यह है कि हम चाहे कितने बुढ़े हो जाए, लेकिन जब तक हमारी मां जिंदा है, तब तक हमें मां चाहिए होती है.'

- गोल्डी हवन (Goldie Hawn)

  • 'दुनिया के लिए आप एक व्यक्ति हो सकते हैं; लेकिन एक व्यक्ति के लिए आप दुनिया हो सकते हैं.'

- डॉ सिअस (Dr. Seuss)

  • 'एक आदर्श मां बनने का कोई रास्ता नहीं है, लेकिन अच्छा बनने के लाखों तरीके हैं.'

- जिल चर्चिल (Jill Churchill)

  • 'मैं तुम्हारा ख्याल करूंगी और तुम्हारे कहने पर दूसरों की भी देखरेख करूंगी. मैं यहां हूं. मैं पूरी तरह से यहां तुम्हारे लिए ही हूं. मैं तुम्हारी मां हूं.'

- मैया एंजेलो (Maya Angelou)

Last Updated : May 10, 2020, 8:19 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details