नई दिल्ली : भारत ने शुक्रवार को 1752 कोविड 19 सकारात्मक मामलों में से सबसे बड़ा उछाल देखा पिछले 24 घंटे में देशभर में कोरोना के कुल 1752 केस दर्ज किए गए. इसके साथ देशभर में कोरोना संक्रमण के मामलों की संख्या 24 हजार के पार हो गई है जबकि इस वायरस से अब तक 775 लोगों की मौत हो गई है.
नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) के निदेशक एसके सिंह ने कहा कि कोविल 19 के खिलाफ लड़ाई में भारत का प्राथमिक हथियार है.
सिंह ने कहा है कि कोविड 19 से निपटने के लिए निगरानी प्रणाली को पूरे देश में नौ लाख से अधिक संभावित संक्रमित लोगों पर कड़ी निगरानी रख रही है. अगर लक्षण दिखना शुरू होते हैं तो हम नमूने लेते रहते हैं.
केंद्र सरकार ने शुक्रवार को कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण फैलने से पैदा हुई स्थिति अहमदाबाद, सूरत, हैदराबाद और चेन्नई सहित बड़े या उभरते हॉटस्पॉट इलाकों में खास तौर पर गंभीर है. सरकार ने इन शहरों में हालात की निगरानी करने के लिए अंतर-मंत्रालयी टीमें भी भेजी हैं.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यह आंकलन ऐसे समय में दिया है, जब अहमदाबाद नगर निगम आयुक्त विजय नेहरा ने कहा कि यदि मामलों के दुगुनी होने की मौजूदा चार दिनों की अवधि वाली दर जारी रहती है, तो गुजरात के इस शहर में कोविड-19 के मरीजों की संख्या मई के अंत तक बढ़ कर आठ लाख हो सकती है.
गौरतलब है कि अब तक अहमदाबाद शहर में 1,638 मामले सामने आए हैं, जो गुजरात में सर्वाधिक है. राज्य में संक्रमण के 2,800 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि देश के कुछ हिस्सों में लॉकडाउन दिशानिर्देशों का उल्लंघन पाया जाना लोगों के स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर खतरा है और इसकी वजह से कोरोना वायरस संक्रमण फैल सकता है.
बयान में कहा गया है कि बड़े हॉटस्पॉट जिलों या उभरते हॉटस्पॉट शहरों, जैसे कि अहमदाबाद और सूरत (गुजरात), ठाणे (महाराष्ट्र), हैदराबाद (तेलंगाना) और चेन्नई (तमिलनाडु) में स्थिति विशेष रूप से गंभीर है.
महाराष्ट्र में शुक्रवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 394 नए मामले सामने आने के बाद राज्य में कुल मामलों की संख्या बढ़ कर करीब सात हजार हो गई है. इस मामले में गुजरात दूसरे स्थान पर है. जबकि तमिलनाडु 1,755 मामलों के साथ छठे स्थान पर है. वहीं, तेलंगाना में 983 मामले सामने आ चुके हैं.
इस बीच, कोविड-19 संकट से पैदा हुई स्थिति का आंकलन करने के लिए कोलकाता का दौरा कर रही केंद्रीय टीम ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल सरकार को एक पत्र लिख कर कोरोना वायरस संक्रमण से होने वाली मौत के कारणों की जांच करने वाली समिति के कामकाज के बारे में एक विस्तृत ब्योरा मांगा. साथ ही, समिति के सदस्यों के साथ बातचीत करने की भी इजाजत देने की मांग की.
राज्य के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा को लिखे एक पत्र में वरिष्ठ अधिकारी अपूर्व चंद्रा के नेतृत्व वाली केंद्रीय टीम ने कोविड-19 रोगियों की मौत की घोषणा को चिकित्सकों की समिति द्वारा मंजूरी देने की प्रक्रिया के बारे में जानना चाहा है.
गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अतिरिक्त सचिव स्तर के अधिकारियों के नेतृत्व में ये टीमें अहमदाबाद, सूरत (गुजरात), हैदराबाद (तेलंगाना) और चेन्नई (तमिलनाडु) का दौरा करेंगी.
पढ़ें- अहमदाबाद, सूरत, हैदराबाद, चेन्नई में स्थिति खास तौर पर गंभीर : गृह मंत्रालय