नई दिल्ली : सैन्य सूत्रों के अनुसार भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख के अनेक क्षेत्रों में गंभीर गतिरोध के हालात बने हुए हैं. सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चीन-भारत सीमा पर विभिन्न जगहों पर आईटीबीपी की करीब 20 कंपनियों (दो हजार जवानों) को तैनात किया जा सकता है.
इससे पहले शनिवार को भारत ने गलवान घाटी पर संप्रभुता के चीन के दावे को शनिवार को स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया. विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि पड़ोसी देश के 'बढ़ा-चढाकर किए गए और अमान्य' दावे स्वीकार्य नहीं हैं.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, 'हम इस दलील को स्वीकार नहीं करते कि भारत यथास्थिति को एकपक्षीय तरीके से बदल रहा है. इसके विपरीत हम यथास्थिति बनाकर रख रहे हैं.' उन्होंने कहा कि चीनी पक्ष ने भारत-चीन सीमा क्षेत्रों के पश्चिमी क्षेत्र के अन्य इलाकों में एलएसी में घुसपैठ की कोशिश की थी लेकिन इन कोशिशों पर भारतीय पक्ष की ओर से यथोचित जवाब दिया गया.
यह भी पढ़ें:गलवान घाटी पर संप्रभुता का चीन का 'अमान्य' दावा अस्वीकार्य : भारत
श्रीवास्तव ने विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीनी विदेश मंत्री वांग यी की बुधवार को फोन पर हुई बातचीत का उल्लेख भी किया.
चीन के साथ सीमा विवाद को लेकर शनिवार को ही वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया ने कहा कि भारतीय वायु सेना चीन के साथ लगती सीमा पर किसी भी सुरक्षा चुनौती का सामना करने के लिए 'पूरी तरह तैयार है' और 'उपयुक्त जगह पर तैनात है.'
यह भी पढ़ें:गलवान के बहादुरों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाने देंगे : वायुसेना प्रमुख