नई दिल्ली : संसद का मानसून सत्र 22 सितंबर से पहले शुरू हो सकता है. संसद का सत्र कोविड की वजह से 23 मार्च को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया था. जबकि निर्धारित समय के अनुसार सत्र 3 अप्रैल तक चलना था. वहीं संसद का सत्र अगस्त के आखिरी हफ्ते में शुरू हो सकता है, लेकिन कुछ और देर से शुरू होने की संभावनाएं जताई जा रही है.
खबरें यह भी आ रही है कि संसद का सत्र अलग-अलग दिन यानी राज्यसभा और लोकसभा अलग-अलग बैठेगी ऐसा ना होकर दोनों सदनों की बैठक एक साथ चल सके ऐसी व्यवस्था संसद सचिवालय के माध्यम से की जा रही है. सूत्रों की मानें तो सांसदों के बैठने के लिए विभिन्न विकल्पों पर विचार चल रहा है. दोनों सदनों की गैलरी में साथ ही सेंट्रल हॉल में और पुस्तकालय भवन के बाल योगी सभागार में भी बैठने की व्यवस्था की जा सकती है.
सत्र की तारीख अभी तय नहीं है, लेकिन 22 सितंबर से पहले होना अनिवार्य है. क्योंकि संसद के दो सत्रों के बीच 6 महीने से अधिक समय का गैप नहीं हो सकता. संसद का बजट सत्र 23 मार्च को ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया था.
संसद के राज्यसभा और लोकसभा सचिवालय को आगामी मानसून सत्र के लिए जरूरी इंतजाम करने के लिए निर्देश दिए गए हैं, जिनमें सदस्यों की शारीरिक दूरी के नियमों का पालन किया जा सके और वह प्रत्यक्ष रूप से भाग ले सकें. यही नहीं अधिकारियों को सूचित किया गया है कि दोनों सदनों की बैठक उनके संबंधित कार्यालय से ही संचालित किए जाने की संभावना है.
हालांकि कोरोना महामारी को देखते हुए संसद सत्र में क्या सभी सांसद या वरिष्ठ सांसद पहुंच पाएंगे? इस बात को लेकर सरकार और संसद सचिवालय के बीच अभी भी आशंकाएं बनी हुई हैं. कई राज्यों में अभी भी दिल्ली-मुंबई से जाने के बाद क्वारंटाइन का नियम लागू है और इस बात को लेकर तमाम सांसदों ने सभापति और लोकसभा अध्यक्ष से संबंधित सवाल किए हैं.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार लोकसभा अध्यक्ष कार्यालय में प्रतिदिन सांसदों के सवालों का निपटारा किया जा रहा है और ज्यादातर सवाल महामारी में सांसद अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्र से किस तरह संसद के सत्र में भाग लें और क्या उनके साथ क्वारंटाइन का नियम पालन किया जाएगा या फिर क्या वह वर्चुअल माध्यम से संसद की कार्रवाई में भाग ले सकते हैं.