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टीएमसी सांसद के बिगड़े बोल, 'दो पैसे की मीडिया को करो बाहर'

पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में हैं. उन्होंने पार्टी की बैठक के दौरान मीडिया के लिए अपमानजनक भाषा का प्रयोग किया. यह घटना छह दिसंबर की है. उनके बयान की कोलकाता प्रेस क्लब ने भी निंदा की है. हालांकि, उन्हें अपने बयान पर कोई अफसोस नहीं है.

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Published : Dec 9, 2020, 8:34 PM IST

Updated : Dec 9, 2020, 8:59 PM IST

कोलकाता : तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा फिर से विवादों में हैं. उन्होंने पार्टी की बैठक के दौरान मीडिया के लिए अपमानजक भाषा का प्रयोग किया. महुआ ने कहा कि 'दो पैसे' की मीडिया को पार्टी की बैठक में किसने बुलाया, इसे बाहर करो. उनका यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. कोलकाता प्रेस क्लब ने उनके बयान को अपमानजनक बताया है. वह कृष्णानगर लोकसभा सीट से सांसद हैं.

उनका यह बयान छह दिसंबर को दिया गया था. वह नदिया जिले के गैशपुर में पार्टी की बैठक में गईं थीं. उनके वहां पर पहुंचते ही पार्टी के दो गुटों में बहस तेज हो गई. महुआ ने दोनों गुटों को शांत करने की कोशिश की, लेकिन बैठक में उपस्थित कई लोगों ने इस घटना का वीडियो बनाना शुरू कर दिया. उनमें कुछ मीडिया वाले भी थे. महुआ की नजर जैसे ही मीडियावालों पर पड़ी, वह भड़क गईं. उन्होंने तुरंत उन्हें हटाने को कहा.

महुआ मोइत्रा का ट्वीट

महुआ ने कहा, 'किसने दो पैसे की मीडिया को यहां बुलाया. ऐसा लगता है कि कुछ लोगों की रुचि टेलीविजन में दिखने की ज्यादा है.'

इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. इसके बाद इस घटना पर तरह-तरह के कमेंट आने लगे. वैसे, आज की पीढ़ी 'दो पैसे' के कमेंट से कितना जोड़ पाएगी, कहना मुश्किल है. लेकिन उनकी इस टिप्पणी से सोशल मीडिया पर 'दो पैसे' की चर्चा जरूर होने लगी.

दो पैसे को पहले 'नया पैसा' के नाम से भी जाना जाता था. शुरुआत में अल्युमुनियम और ब्रांज से मिलाकर बनाया जाता था. बाद में अल्युमुनियम और मैग्नीशियम से बने सिक्के बाजार में आए. 1980 से इसका निर्माण बंद कर दिया गया. 30 जनवरी 2011 से इसका सर्कुलेशन भी बंद कर दिया गया.

उम्मीद की जा रही थी कि महुआ मोइत्रा अपने कमेंट का बचाव नहीं करेंगी. कोलकाता प्रेस क्लब ने उनकी टिप्पणी पर नाराजगी भी जताई. उनकी टिप्पणी को अनावश्यक और अपमानजनक बताया. उनका बहिष्कार भी किया जाने लगा. प्रेस क्लब ने अपने बयान में कहा कि प्रजातंत्र में चौथे स्तंभ की अपनी भूमिका होती है और इसका पूरा सम्मान किया जाना चाहिए. हम मांग करते हैं कि वह अपने बयान को वापस लें और माफी मांगें, लेकिन महुआ पर इसका कोई असर नहीं पड़ा. उन्होंने मीडिया पर फिर से तीखी टिप्पणी कर दी. महुआ ने कहा कि बहिष्कार कर आप मुझे लिखने से नहीं रोक सकते हैं. आप लोग बीजेपी ट्रॉल के हाथों खेल रहे हो.

फाइल फोटो

दरअसल, महुआ मोइत्रा जिस संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करती हैं, उनसे पहले यहां के सांसद तापस पॉल भी विवादों में रह चुके हैं. 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान तापस ने विरोधियों को रेप और मर्डर की धमकी दी थी. 14 जून को नादिया जिले के चौमाहा की एक रैली में उन्होंने यह विवादास्पद बयान दिया था.

उन्होंने कहा था कि सीपीएम का कोई भी व्यक्ति यदि मेरी मां, बहन, चाचा, चाची को छूने की कोशिश करेगा, तो तापस पॉल उसे नहीं छोड़ेगा. उसे रिवॉल्वर से शूट कर देंगे. उनके इस बायन की उनकी पत्नी नंदिनी ने भी निंदा की थी.

ऐसा कहा जाता है कि टीएमसी में ऐसे और भी नेता हैं, जो हमेशा ही सुर्खियों में बने रहते हैं. अनुब्रत मंडल भी उन्हीं में से एक हैं. ये अलग बात है कि ममता बनर्जी आजकल डैमेज कंट्रोल में लगी हैं. एक दिन पहले ही रानीगंज में एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि उनका मीडिया से बहुत अच्छा संबंध है. उनकी पार्टी पत्रकारों का सम्मान करती है.

पढ़ें-सांसद महुआ मोइत्रा को मिली जमानत, न्यूज चैनल की छवि खराब करने का है आरोप

अब ममता बनर्जी को फिर से 2011 का वह बयान याद दिलाया जा रहा है, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह 'बदला नहीं, बदलाव' चाहती हैं. यह देखना दिलचस्प होगा कि वह किस हद तक इस पर कायम रहती हैं.

Last Updated : Dec 9, 2020, 8:59 PM IST

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