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आज का भारत देश महात्मा गांधी की कल्पना का भारत नहीं : भागवत - मोहन भागवत का गांधी पर बयान

राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत सोमवार को दिल्ली में प्रख्यात शिक्षाविद् प्रो. जगमोहन सिंह राजपूत के द्वारा लिखी गई पुस्तक 'गांधी को समझने का यही समय' के लोकार्पण के मौके पर पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कहा कि आज का भारत गांधी के सपनों का भारत नहीं है और आज से बीस साल पहले भी उन्हें ऐसा ही लगता था. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि गांधी के सपनो के भारत बनने की शुरुआत अब हो चुकी है और देश के युवा ही इसे कर के दिखाएंगे.

मोहन भागवत
मोहन भागवत

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Published : Feb 17, 2020, 10:18 PM IST

Updated : Mar 1, 2020, 4:11 PM IST

नई दिल्ली : राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत मानते हैं कि आज का भारत देश महत्मा गांधी की कल्पना का भारत नहीं है. दिल्ली में प्रख्यात शिक्षाविद् प्रो. जगमोहन सिंह राजपूत के द्वारा लिखी गई पुस्तक 'गांधी को समझने का यही समय' के लोकार्पण के मौके पर संघ प्रमुख ने यह बात कही. भागवत ने कहा कि आज का भारत गांधी के सपनो का भारत नहीं है और आज से बीस साल पहले भी उन्हें ऐसा ही लगता था. तब उन्हें भी पता नहीं था कि भारत कभी गांधी जी के कल्पना के अनुसार बन पाएगा भी या नहीं. लेकिन इसके साथ ही मोहन भागवत ने यह भी कहा कि गांधी के सपनो के भारत बनने की शुरुआत अब हो चुकी है और देश के युवा ही इसे कर के दिखाएंगे.

संघ प्रमुख ने दिल्ली स्थित गांधी स्मृति स्मारक परिसर में गांधी पर लिखी गई किताब के लोकार्पण के अवसर पर यहां जुटे सैकड़ों लोगों को संबोधित करते हुए महात्मा गांधी के जीवन से जुड़े कई प्रसंगों का जिक्र किया और आह्वान किया कि आज के जीवन में लोगों को महात्मा गांधी से प्रेरणा लेने की आवश्यकता है केवल महात्मा गांधी को याद करने से समाज का फायदा नहीं होगा.

मोहन भागवत का बयान.

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अपने संबोधन के दौरान धर्म का जिक्र करते हुए मोहन भागवत ने महात्मा गांधी के कहे शब्दों को दोहराते हुए कहा कि गांधी जी भी कहते थे कि वह एक कट्टर सनातनी हिंदू हैं लेकिन कट्टर सनातनी हिंदू से उनका तात्पर्य यह था कि सभी धर्मों में उनकी आस्था है. सभी के धर्मों का सम्मान होना चाहिए और मिल जुल कर रहना चाहिए क्योंकि सभी धर्मों का अंतिम संदेश तो सत्य अहिंसा और शांति का ही है.


Last Updated : Mar 1, 2020, 4:11 PM IST

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