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RSS पथ संचलन मार्च : भागवत बोले - भारत को बदनाम करने के लिए 'लिंचिंग' का इस्तेमाल न करें

विजयदशमी के दिन ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की नींव रखी गई थी. इस उपलक्ष्य में आज यानी मंगलवार को पथ संचलन मार्च का आयोजन किया गया. इस दौरान आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि भारत को बदनाम करने के लिए 'लिंचिंग' का इस्तेमाल न करें.

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत.

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Published : Oct 8, 2019, 11:51 AM IST

Updated : Oct 8, 2019, 7:21 PM IST

नागपुर : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने मंगलवार को यहां कहा कि भीड़ हत्या यानी लिंचिंग पश्चिमी तरीका है. देश को बदनाम करने के लिए भारत के संदर्भ में इसका इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए.

विजयदशमी के मौके पर नागपुर के रेशमीबाग मैदान में 'शस्त्र पूजा' के बाद स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा, 'लिंचिग शब्द की उत्पत्ति भारतीय लोकाचार से नहीं हुई, ऐसे शब्द को भारतीयों पर न थोपे'

भागवत ने जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान हटाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री शाह की सराहना भी की.

उन्होंने कहा, 'यह कदम अपनी पूर्णता तब प्राप्त कर लेगा, जब 370 के प्रभाव में न हो सके न्याय कार्य सम्पन्न होंगे तथा उसी प्रभाव के कारण चलते आये अन्यायों की समाप्ति होगी.'

भागवत ने कहा, 'बीते कुछ वर्षों में भारत की सोच की दिशा में एक परिवर्तन आया है, जिसे न चाहने वाले व्यक्ति दुनिया में भी है और भारत में भी, तथा निहित स्वार्थों के लिये ये शक्तियां भारत को दृढ़ और शक्ति संपन्न नहीं होने देना चाहतीं.'

देश की सुरक्षा पर संघ प्रमुख ने कहा, 'सौभाग्य से हमारे देश के सुरक्षा सामर्थ्य की स्थिति, हमारे सेना की तैयारी, हमारे शासन की सुरक्षा नीति तथा हमारे अंतरराष्ट्रीय राजनीति में कुशलता की स्थिति इस प्रकार की बनी है कि इस मामले में हम लोग सजग और आश्वस्त हैं.'

उन्होंने कहा, 'हमारी स्थल सीमा तथा जल सीमाओं पर सुरक्षा सतर्कता पहले से अच्छी है. केवल स्थल सीमापर रक्षक व चौकियों की संख्या व जल सीमापर (द्वीपों वाले टापुओं की) निगरानी अधिक बढ़ानी पड़ेगी. देश के अन्दर भी उग्रवादी हिंसा में कमी आयीहै. उग्रवादियों के आत्मसमर्पण की संख्या भी बढ़ी है.'

पढ़ें: RSS पथ संचलन मार्च का आयोजन, भागवत बोले- अनुच्छेद 370 पर सरकार का फैसला सही

भागवत ने कहा, 'समाज के विभिन्न वर्गों को आपस में सद्भावना, संवाद तथा सहयोग बढ़ाने के प्रयास में प्रयासरत होना चाहिए. समाज के सभी वर्गों का सद्भाव, समरसता व सहयोग तथा कानून संविधान की मर्यादा में ही अपने मतों की अभिव्यक्ति यह आज की स्थिति में नितांत आवश्यक बात है.'

दशहरे का पर्व संघ के लिए काफी मायने रखता है क्योंकि इसी दिन 1925 में संगठन की स्थापना हुई थी. इस वार्षिक समारोह में एचसीएल के संस्थापक शिव नादर मुख्य अतिथि थे. केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी, जनरल (सेवानिवृत्त) वीके सिंह और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस भी इस सामारोह में मौजूद रहे.

Last Updated : Oct 8, 2019, 7:21 PM IST

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