न्यूयॉर्क/नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ मुलाकात में मंगलवार को स्पष्ट किया कि पड़ोसी देश से वार्ता बहाली से पहले भारत चाहता है कि पाकिस्तान 'कुछ ठोस कदम' उठाए. वहीं, ट्रम्प ने उम्मीद जताई कि दोनों पड़ोसी देश कश्मीर मुद्दे पर 'कोई हल निकाल' सकते हैं.
मोदी और ट्रम्प ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र के इतर मुलाकात की. मोदी के इस साल मई में दूसरे कार्यकाल के लिए सत्ता में आने के बाद से ट्रम्प के साथ यह चौथी मुलाकात है. उनकी 40 मिनट तक चली बातचीत में मुख्यत: द्विपक्षीय व्यापार और पाकिस्तान से उपज रहे आतंकवाद से संबंधित मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया गया.
इस बीच, मोदी ने ट्रम्प को अपने परिवार के साथ भारत की यात्रा करने के उनके न्योते की याद दिलाई.
मोदी ने 'हाउडी, मोदी' रैली में ट्रम्प को न्योता देते हुए कहा था, 'हम चाहते हैं कि आप अपने परिवार के साथ भारत आए और हमें आपकी मेजबानी करने का सौभाग्य दें. हमारी दोस्ती और भारतीय-अमेरिकियों के साझा सपने.हम इसे नया भविष्य देंगे.'
बैठक के दौरान मोदी ने आतंकवाद खासतौर से जम्मू कश्मीर के संबंध में भारत के सामने पेश आ रही चुनौतियों के बारे में विस्तार से बताया.
विदेश सचिव विजय गोखले ने बैठक के बारे में पत्रकारों को बताया कि मोदी ने ट्रम्प को बताया कि कश्मीर में आतंकवाद के कारण पिछले 30 वर्षों में 42,000 जानें गई हैं और उन्होंने आतंकवाद के अभिशाप से लड़ने में अंतरराष्ट्रीय समुदाय का सहयोग मांगा.
गोखले ने कहा, 'हमें उम्मीद थी कि प्रधानमंत्री की तरफ से की गई पहलों का कुछ जवाब आना चाहिए लेकिन उनमें से किसी का भी जवाब नहीं आया, चाहे वह शपथ ग्रहण समारोह के लिए प्रधानमंत्री का भेजा गया निमंत्रण हो या उसके बाद दिसंबर 2015 में न्यूनतम सुरक्षा के बीच लाहौर का खास दौरा हो.'
उन्होंने कहा कि मोदी ने ट्रम्प को बताया कि लाहौर के दौरे के फौरन बाद पठानकोट सैन्य अड्डे पर हमला हुआ और अपराध के दोषियों को सजा नहीं दी गई.
गोखले ने कहा, 'प्रधानमंत्री ने स्पष्ट कर दिया कि हम पाकिस्तान के साथ वार्ता करने से संकोच नहीं कर रहे हैं पर ऐसा होने के लिए हम उम्मीद करते हैं कि पाकिस्तान कुछ ठोस कदम उठाए. पाकिस्तान की तरफ से लेकिन हमें ऐसी कोई कोशिश नहीं दिख रही.'
विदेश सचिव ने कहा कि प्रधानमंत्री ने आतंकवाद के मुद्दे पर भारत का पक्ष रखा और ट्रम्प ने इस पर सहमति जताई. उन्होंने कहा कि अमेरिकी नेता ने यह भी माना कि यह दोनों देशों की चुनौती है.
गोखले ने बताया कि मोदी ने भारत को दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी का घर बताते हुए कहा कि विदेशी लड़ाकों (जैसे कि इस्लामिक स्टेट और अल-कायदा) की संख्याओं में से भारत की भागीदारी बहुत कम है. उन्होंने ट्रम्प को यह भी बताया कि इस आबादी में से कट्टरपंथियों की संख्या बहुत कम है.
इससे पहले ट्रम्प ने भारत और पाकिस्तान के बीच किसी तरह की मध्यस्थता से दूरी बनाते हुए कहा कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके पाकिस्तानी समकक्ष इमरान खान कश्मीर पर 'कोई हल निकाल सकें तो यह अच्छा होगा.'
ट्रम्प ने सवालों के जवाब में कहा, 'मुझे पूरा विश्वास है कि प्रधानमंत्री मोदी और प्रधानमंत्री खान जब एक-दूसरे को अच्छी तरह जान जाएंगे तो मुलाकात करेंगे. मुझे लगता है कि मुलाकात से बहुत सारी अच्छी चीजें निकलकर आएंगी. यह अच्छा होगा अगर वे कश्मीर पर कोई हल निकाल सकें.'